वृंदावनः 54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का तोशखाना, श्रद्धालुओं में उत्साह, सुरक्षा में हुई ऐतिहासिक कार्रवाई



मंदिर प्रशासन ने बताया कि ‘तोषखाना’ खोलने का निर्णय 29 सितंबर को लिया गया था। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए किसी भी गोस्वामी को खजाने की सूची तैयार करने या प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। समिति के सदस्यों और अधिकारियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई।
भक्तों में यह उत्सुकता थी कि 54 साल से बंद इस कमरे में क्या रहस्य छिपा है। बताया जाता है कि मंदिर के इतिहास में यह तहखाना विरासत का हिस्सा है, जिसमें ठाकुर जी को अर्पित बहुमूल्य उपहार और प्राचीन धरोहरें रखी गई हैं।
श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है। मथुरा जिले के वृंदावन धाम स्थित इस मंदिर का निर्माण सन् 1864 में स्वामी हरिदास ने कराया था, जो भक्त कवि, संगीतकार और महान संत थे। ऐसा माना जाता है कि स्वामी हरिदास को भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने ‘बांके बिहारी’ रूप में साक्षात दर्शन दिए थे। उसी पावन स्थल पर इस मंदिर की स्थापना की गई।
54 साल बाद खुले इस तोशखाने से न केवल मंदिर की ऐतिहासिक धरोहर सामने आएगी, बल्कि वृंदावन के धार्मिक इतिहास में एक नया अध्याय भी जुड़ गया है।