इमरान मसूद का भाजपा पर हमला-देश में 'दो विधान' चल रहे हैं, हनुमान चालीसा पर कार्रवाई न हो लेकिन 'I Love Muhammad' पर तुरंत लाठीचार्ज?

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भाजपा सरकार पर मुसलमानों के साथ भेदभाव का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में 'दो विधान' चल रहे हैं—मुसलमानों के लिए अलग कानून और हिंदुओं के लिए अलग। उन्होंने हनुमान चालीसा पढ़ने वाले हिंदू समुदाय के सदस्य पर थाने में भी कार्रवाई न होने का उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्लिम युवा यदि सड़क पर पोस्टर लेकर खड़े हो जाएं, तो तुरंत एक्शन लिया जाता है। यह बयान 'I Love Muhammad' पोस्टर विवाद के बीच आया है, जिसने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में तनाव पैदा कर दिया है।
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी तूफान मचा दिया। हिंदू समुदाय ने काउंटर-कैंपेन चलाया—#ILoveRam, #ILoveMahadev, #ILoveHanuman जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। एक वायरल ट्विस्ट में 'I Love Rasgulla' भी जोड़ दिया गया, जो हल्के-फुल्के अंदाज में तनाव कम करने की कोशिश लगी। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि एशिया में सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला भारत 'I Love Muhammad' जैसे पोस्टर पर इतना संवेदनशील क्यों हो जाता है।
इमरान मसूद का बयान: 'दो कानून' का आरोप
सांसद इमरान मसूद ने सहारनपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "देश में दो कानून चल रहे हैं—हमारे (मुसलमानों) के लिए अलग और उनके (हिंदुओं) के लिए अलग। अगर कोई हिंदू थाने में बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ेगा, तो कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन मुस्लिम सड़क पर पोस्टर लेकर खड़ा हो जाएगा, तो तुरंत लाठीचार्ज।" उन्होंने भाजपा सरकार पर 'सेलेक्टिव कार्रवाई' का इल्जाम लगाते हुए कहा कि मुस्लिम युवाओं पर नाइंसाफी हो रही है। तौकीर रजा जैसे धार्मिक नेताओं पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए मसूद ने कहा, "वहां तो सिर्फ पोस्टर थे, लेकिन लाठीचार्ज करके हंगामा खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हालिया भाषण ही बता रहा है कि उनका टारगेट साफ है।"
मसूद ने मुस्लिम समुदाय को सलाह दी, "मोहब्बत का इजहार दिल में रखें, दिखाने की जरूरत नहीं। अल्लाह और नबी की मोहब्बत हर मुसलमान के दिल में है। मस्जिद इबादत के लिए है—नमाज पढ़ें, लेकिन बाहर हंगामा मत करें, वरना पूरी कौम को कीमत चुकानी पड़ेगी। बच्चों को पढ़ाई और काम पर ध्यान दें, ताकि सरकार को कार्रवाई का मौका न मिले।"