गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू: 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद में मुजफ्फरनगर पुलिस ने पकड़े 5 आरोपी, धारा 144 लागू

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस ने दो थाना क्षेत्रों से पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया, जो घरों और वाहनों पर ये पोस्टर चिपका रहे थे। साथ ही, एक प्रिंटिंग प्रेस से बड़ी संख्या में पोस्टर और मशीनें जब्त की गई हैं। आगामी त्योहारों और विवाद को देखते हुए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने धारा 144 (बीएनएस धारा 163) लागू कर दी है, जो पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाती है। यह कार्रवाई पूरे यूपी में फैले इस विवाद का हिस्सा है, जहां कानपुर से शुरू होकर कई जिलों में तनाव फैल चुका है।
खालापार थाना पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि कुछ युवक वाहनों और घरों पर 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर लगा रहे हैं। तत्काल कार्रवाई में पुलिस ने मौके से नावेद और सिंदबाद को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर एक प्रिंटिंग प्रेस से बड़ी मात्रा में पोस्टर बरामद हुए, और प्रेस की मशीन व कंप्यूटर को जब्त कर लिया गया। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया, "कुछ लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे। टीप्स पर कार्रवाई की गई। गिरफ्तार आरोपियों पर वैधानिक कार्रवाई हो रही है।"
दूसरी ओर, तितावी थाना पुलिस ने हमजा, ओसामा और नजाकत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ये आरोपी भी पोस्टर चिपकाने में सक्रिय थे। एसएसपी वर्मा ने कहा, "प्रिंटिंग मशीन और लैपटॉप सीज कर लिए गए हैं। माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।" यह गिरफ्तारियां पूरे यूपी में 'आई लव मोहम्मद' अभियान के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा हैं, जहां कानपुर से शुरू होकर 1,324 मुस्लिमों पर केस दर्ज हो चुके हैं, और 38 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
पुलिस की मुस्तैदगी: फ्लैग मार्च और सोशल मीडिया निगरानी
जनपद पुलिस संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है और सोशल मीडिया पर पैनी नजर रख रही है। विवाद कानपुर से शुरू होकर बरेली, सहारनपुर, अलीगढ़, मेरठ और मुजफ्फरनगर तक फैल चुका है, जहां बरेली में 50 लोग हिरासत में हैं और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। मुस्लिम संगठनों ने गिरफ्तारियों को धार्मिक अभिव्यक्ति पर हमला बताया है, जबकि पुलिस इसे शांति भंग का प्रयास मान रही है।
यह विवाद कानपुर में 4 सितंबर को 'आई लव मोहम्मद' बैनर हटाने से भड़का, जो ईद-मिलाद के लिए लगाया गया था। विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं, जबकि सरकार शांति बनाए रखने पर जोर दे रही है।