‘आई लव मोहम्मद’ विवाद ने उत्तर प्रदेश में बढ़ाया तनाव, ‘आई लव योगी’ और ‘बुलडोजर’ पोस्टर से राजनीति गरमाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद ने सांप्रदायिक और राजनीतिक माहौल को बेहद गर्म कर दिया है। बीते दिनों कानपुर के बारावफात जुलूस में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर लगाए जाने के बाद यह विवाद पूरे प्रदेश और देश के अन्य राज्यों तक फैल गया। मुस्लिम समुदाय के लोग ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर और नारेबाजी के समर्थन में सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे कई शहरों—जैसे बरेली, कानपुर, मुरादाबाद, उन्नाव, लखनऊ—में प्रदर्शन, झड़प और पुलिस की सख्ती देखने को मिली।
शुक्रवार को बरेली में जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, तोड़फोड़ और झड़प के मामलों में अब तक 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल जिला प्रशासन और पुलिस पूरे मामले को लेकर अलर्ट पर है और वरिष्ठ अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
इस पूरे घटनाक्रम ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। राजधानी लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा के नेता अमित त्रिपाठी ने ‘आई लव योगी आदित्यनाथ’ और ‘आई लव बुलडोजर’ के पोस्टर प्रमुख चौराहों—समता मूलक चौराहा, वीआईपी चौराहा और जानकीपुरम—पर लगवाए हैं। इन होर्डिंग्स में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी तस्वीर और ‘आई लव बुलडोजर’ का स्लोगन प्रमुखता से दिखाई दे रहा है।
ये पोस्टर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए और कुछ स्थानीय लोगों ने इन पोस्टर्स को चूमकर प्रतिक्रिया भी दी है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाएं जमकर आ रही हैं, जिससे प्रदेश में बहस और राजनीतिक बयानबाजी तेज़ हो गई है। भाजपा, समाजवादी पार्टी और AIMIM समेत विभिन्न नेता इस मामले को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शनों, भड़काऊ नारों और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
पुलिस और प्रशासन फिलहाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर बनाए हुए हैं ताकि माहौल न बिगड़े। धार्मिक पोस्टरों और अभियानों को लेकर पूरे प्रदेश में टकराव और चर्चा जारी है। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने हेतु एफआईआर, गिरफ्तारियां, और सख्त चेतावनी दी जा रही है।