मुजफ्फरनगर में "आई लव महादेव" होर्डिंग्स से बढ़ा साम्प्रदायिक तनाव, पुलिस ने तुरंत उतरवाए

मुजफ्फरनगर। "आई लव पैगंबर" पोस्टर्स को लेकर उत्तर प्रदेश में छिड़े विवाद ने अब साम्प्रदायिक तनाव को नई ऊंचाई दे दी है। जुम्मे की नमाज के बाद बरेली में "आई लव मुहम्मद" बैनर्स लेकर सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर "आई लव महादेव" होर्डिंग्स लगाए, जिससे स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ गया।
बरेली में हिंसा और पुलिस कार्रवाई
बरेली में जुम्मे की नमाज के बाद "आई लव मुहम्मद" बैनर्स थामे प्रदर्शनकारियों ने "अल्लाहु अकबर" जैसे नारे लगाते हुए हंगामा किया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान पथराव भी हुआ, और कई प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने पोस्टर्स लगाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की है। यह विवाद कानपुर से शुरू होकर अब पूरे उत्तर प्रदेश में फैल चुका है।
मुजफ्फरनगर में होर्डिंग्स का मामला
मुजफ्फरनगर में राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन ने "आई लव महादेव" होर्डिंग्स लगाकर कथित तौर पर जवाब दिया। संगठन ने शहर की 20 मुख्य जगहों पर इन्हें लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन केवल पांच ही लग पाए। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और आनन-फानन में इन होर्डिंग्स को उतार दिया। इसके बाद पुलिस टीम ने संगठन के संयोजक संजय अरोरा के घर पहुंचकर उनसे वार्ता की। वार्ता के बाद यह तय हुआ कि आगे से ऐसी होर्डिंग्स नहीं लगाई जाएंगी।
राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा ने कहा, "हमने ये होर्डिंग्स अपने भगवान शिव को याद करने के लिए लगाए हैं, किसी को टारगेट करने की नीयत नहीं थी। 'आई लव महादेव' कहना कोई गलत बात नहीं है। शिव ही शक्ति हैं, शिव ही सब कुछ हैं। हमने किसी के धर्म को ठेस नहीं पहुंचाई, बस अपने प्रभु का नाम लिया है।" उन्होंने यह भी कहा कि होर्डिंग्स लगाने के लिए अनुमति की जरूरत पड़ने लगी तो कई सामाजिक कार्य प्रभावित हो जाएंगे। संगठन का दावा है कि यह कोई उपद्रव पैदा करने का प्रयास नहीं था।
विवाद के बीच उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस ने "आई लव मुहम्मद" पोस्टर्स पर सख्ती दिखाई है, लेकिन अब "आई लव महादेव" जैसे जवाबी कदमों पर भी नजर रखी जा रही है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर तनाव को कम करने की कोशिश की। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर यह विवाद "आई लव राम", "आई लव हनुमान" जैसे अन्य ट्रेंड्स में बदल चुका है, जो ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है।