बैंकों का कमजोर सीडी रेशियो बना चिंता का कारण, जिलाधिकारी सख्त
मीरजापुर। जनपद में बैंकों का ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) लगातार कमजोर रहने पर मंगलवार को जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कड़ी नाराजगी जताई है। वर्तमान में जिले का औसत सीडी रेशियो मात्र 47.09 प्रतिशत दर्ज किया गया है, जो राज्य औसत 60 प्रतिशत से काफी कम है। जिलाधिकारी ने सभी बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हाल में सीडी रेशियो को कम से कम 60 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए।
आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2025 तक जिले में कुल जमा राशि 13,753.65 करोड़ रुपये है, जबकि इसके सापेक्ष कुल ऋण वितरण 7,477.23 करोड़ रुपये ही हो सका है। व्यावसायिक बैंकों का औसत सीडी रेशियो और भी कमजोर होकर 37.42 प्रतिशत पर है। इंडियन बैंक सहित केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, जिला सहकारी बैंक, आर्यावर्त बैंक, कोटक बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का सीडी रेशियो भी राज्य औसत से नीचे पाया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकों को स्थानीय स्तर पर ऋण वितरण बढ़ाना होगा, ताकि जिले के विकास को गति मिल सके। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और फसली ऋण को प्राथमिकता पर वितरित करने के निर्देश दिए। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,10,475 किसानों को केसीसी ऋण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष अब तक 50,299 किसानों को ही 678.51 करोड़ रुपये का ऋण मिल पाया है, जो लक्ष्य का लगभग 45 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी जिलाधिकारी ने बैंकों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि 31 दिसंबर 2025 तक सभी पात्र किसानों के खातों से बीमा प्रीमियम काटकर संबंधित एजेंसी को भेजना अनिवार्य होगा। यदि किसी बैंक द्वारा प्रीमियम नहीं काटा गया और आपदा की स्थिति में फसल को नुकसान हुआ, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित बैंक की होगी। जीरो बैलेंस खातों के मामले में भी ओवरड्राफ्ट के माध्यम से बीमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना और मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना जैसी योजनाओं में ऋण वितरण बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बैंकों की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित की योजनाओं में किसी भी प्रकार की ढिलाई पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
