आधुनिक सुविधाओं से अपग्रेड होंगे मेडिकल कॉलेज, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दी सौगात
लखनऊ। यूपी के लाखों मरीजों को सरकार ने बेहतर इलाज की सौगात दी है। मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करने के लिए बजट प्रदान किया है। इसमें आईसीयू बेड से लेकर जांच तक की व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा।
मिर्जापुर के मां विन्ध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में 5510000 रुपए से 2 पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की जाएंगी। बाराबंकी जिला चिकित्सालय में 868274 की अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की जाएगी। ब्रजेश पाठक ने बताया कि अमेठी के गौरीगंज जिला चिकित्सालय में महीन सुराख से मोतियाबिंद के ऑपरेशन होंगे। इसके लिए आधुनिक फेको मशीन क्रय की जाएगी। हड्डी रोग विभाग में उपकरण आएंगे। इसके लिए 3115203 रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। चित्रकूट जिला संयुक्त चिकित्सालय में मोतियाबिंद के मरीजों के लिए फेको मशीन क्रय की जाएगी।
इसकी स्थापना के लिए 1990000 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई। वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय व एसएसपीजी चिकित्सालय में एक्सरे, लैप्रोस्कोप सहित अन्य कई आधुनिक उपकरणों के क्रय किए जाएंगे। अब बड़े चीरे न लगाकर लैप्रोस्कोप से महीन सुराख से ऑपरेशन हो सकेंगे। इसके लिए 5488966 एवं एसएसपीजी हॉस्पिटल 8734680 की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। संभल जिला संयुक्त चिकित्सालय को 4528023, जिला चिकित्सालय जौनपुर को 1654217 एवं सीतापुर जिला महिला चिकित्सालय के लिए 1697774 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। उरई-जालौन के जिला महिला चिकित्सालय की सभी इकाइयों को अपग्रेड किया जाएगा। आधुनिक उपकरणों के लिए 8880280 रुपए की धनराशि जारी की गई है। अयोध्या जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 250 केवीए का जनरेटर सेट लगाया जाएगा। तकरीबन 2150000 की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
चित्रकूट के कर्वी स्थित आधुनिक पोस्टमार्टम हेतु एक 25 केवीए जेनरेटर एवं 1642990 रुपए की एक्सरे मशीन क्रय की जाएगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को रफ्तार देने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। इमरजेंसी सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है। मोतियाबंद के ऑपरेशन फेको मशीनें क्रय की जा रही हैं। अल्ट्रासाउंड मशीनें व जनरेटर भी खरीदे जा रहे हैं, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
