बीजिंग। चीन में शादी से दूर होती महिलाएं सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं। देश में शादी और जन्मदर में भारी गिरावट देखी जा रही है, जिससे आर्थिक और सामाजिक असंतुलन बढ़ रहा है।
क्या है कारण?
चीन में महिलाओं के शादी न करने और बच्चों को जन्म न देने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:
- करियर और स्वतंत्रता की प्राथमिकता: आधुनिक चीनी महिलाएं शादी की बजाय करियर और आत्मनिर्भरता को ज्यादा महत्व दे रही हैं।
- महंगाई और खर्चों का दबाव: घर खरीदना, बच्चों की परवरिश और शिक्षा की बढ़ती लागत के कारण युवा शादी से बच रहे हैं।
- पितृसत्तात्मक समाज से असंतोष: चीन में अब भी महिलाओं से पारंपरिक रूप से गृहिणी बनने की अपेक्षा की जाती है, जिससे वे असहज महसूस करती हैं।
- ‘996 वर्क कल्चर’ का दबाव: चीन में अधिकांश युवा सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, हफ्ते में 6 दिन काम करने के कल्चर में फंसे हुए हैं, जिससे निजी जीवन के लिए समय ही नहीं बचता।
- कोविड-19 और लॉकडाउन का असर: महामारी के बाद से आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक बदलावों ने शादी की प्रवृत्ति को और कम कर दिया है।
चीन सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं: शादी और बच्चों के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। कामकाजी महिलाओं को अधिक सुविधाएं देने की योजना बनाई जा रही है। ‘तीसरे बच्चे’ की नीति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो चीन की जनसंख्या तेजी से घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था, श्रम बाजार और सामाजिक स्थिरता पर बड़ा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन ने जल्द ही प्रभावी नीतियां नहीं अपनाईं, तो यह संकट और गहरा सकता है।