लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के वे मतदाता, जिन्हें सरेआम वोट डालने से रोका गया या जिनके वोट किसी और ने डाल दिए, अपनी शिकायत लेकर लखनऊ आ रहे थे। इन लोगों को रास्ते में सीतापुर के पास पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
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मतदाताओं का आरोप है कि चुनावी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। कुछ लोगों को मतदान केंद्रों पर जाने से रोक दिया गया। कई मतदाताओं ने शिकायत की कि उनके वोट पहले ही किसी अन्य व्यक्ति द्वारा डाल दिए गए।स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों से शिकायत करने पर भी किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। स्थानीय स्तर पर सुनवाई न होने के कारण, इन मतदाताओं ने लखनऊ जाकर अपनी व्यथा राष्ट्रपति, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग और सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचाने का निर्णय लिया। लेकिन रास्ते में ही सीतापुर के पास पुलिस ने उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया।
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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुंदरकी के मतदाता अपनी आवाज़ लखनऊ तक पहुंचाना चाहते थे, लेकिन भाजपा सरकार ने सच्चाई को दबाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। यदि ये लोग लखनऊ पहुंचते, तो भाजपा के चुनावी घपले का भंडाफोड़ हो जाता।”अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना भाजपा की असुरक्षा और तानाशाही मानसिकता को दर्शाती है।
अखिलेश यादव ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की और संवैधानिक संस्थानों से अपील की,उन्होंने कहा “हम महामना राष्ट्रपति महोदय, माननीय सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग, माननीय राज्यपाल और देश के सभी समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनलों से आग्रह करते हैं कि इस मामले का तुरंत संज्ञान लें। यह सुनिश्चित करें कि लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाले नागरिकों के साथ अन्याय न हो।”
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अखिलेश यादव के आरोपों ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। विपक्षी दल इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।