बांग्लादेश: बीएनपी नेता का घर उपद्रवियों ने फूंका, सात साल की बच्ची जिंदा जली
ढाका। बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बीच एक दुखद घटना ने सबको झकझोर दिया है। उपद्रवियों ने शनिवार तड़के बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता के घर को आग लगा दी, जिसमें 7 साल की बच्ची की झुलसने से मौत हो गई, जबकि परिवार के 3 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
घर में सो रही 7 साल की बच्ची आयेशा अख्तर की मौके पर ही मौत हो गई। उसकी दो बड़ी बहनें, सलमा अख्तर (16 वर्ष) और सामिया अख्तर (14 वर्ष), 50-60 फीसदी जल गईं और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेलाल हुसैन को भी स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बेटियों को एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए ढाका रेफर किया गया है। बेलाल की मां हाजेरा बेगम ने बताया कि उन्होंने खिड़की से उपद्रवियों को देखा, जो घर को घेरकर आग लगा रहे थे। डेली स्टार ने हाजेरा बेगम के हवाले से बताया, "मैं रात को खाने के बाद सो गई थी। रात करीब 1:00 बजे, मैं उठी और खिड़की से देखा कि मेरे बेटे के टिन-शेड वाले घर में आग लगी हुई है। मैं चिल्लाते हुए बाहर भागी, लेकिन घर के दोनों दरवाजे बाहर से बंद थे। मैं अंदर नहीं जा पाई।
आखिरकार, मेरा बेटा दरवाजा तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब हो गया। उसकी पत्नी, नजमा भी अपने चार महीने के बच्चे, अबीर हुसैन और छह साल के बेटे, हबीब के साथ बाहर निकलने में कामयाब हो गई।" उन्होंने आगे कहा, "मेरी पोतियां, सलमा, सामिया और आयशा, एक कमरे में सो रही थीं। उनमें से दो को गंभीर रूप से जलने के बाद बचाया गया, लेकिन सबसे छोटी, आयशा, अंदर ही जलकर मर गई। बेलाल भी बुरी तरह जल गया था।"
घटना की पुष्टि करते हुए, लक्ष्मीपुर सदर मॉडल थाना के ऑफिसर-इन-चार्ज (ओसी) मोहम्मद वाहिद परवेज ने बताया कि आगजनी की घटना में बिलाल की सात साल की बेटी आयशा अख्तर की जलकर मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बीएनपी नेता और उनकी दो अन्य बेटियां, 16 साल की सलमा अख्तर और 14 साल की सामिया अख्तर, गंभीर रूप से जल गई हैं। बिलाल का इलाज लक्ष्मीपुर सदर अस्पताल में चल रहा है, जबकि उनकी बेटियों को बेहतर इलाज के लिए ढाका भेज दिया गया है। वाहिद ने कहा, "हम जांच कर रहे हैं कि यह काम किसने किया और इसके पीछे क्या मकसद था।"
लक्ष्मीपुर सदर अस्पताल के रेजिडेंशियल मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) अरूप पाल ने कहा, "दो किशोरवय लड़कियों और उनके पिता को सुबह करीब 2:00 बजे झुलसने के बाद आपातकाल विभाग में लाया गया। बेलाल हुसैन को यहां भर्ती किया गया, लेकिन दोनों लड़कियों को ढाका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में रेफर कर दिया गया, क्योंकि उनकी हालत गंभीर है। उनके शरीर का लगभग 50-60 प्रतिशत हिस्सा जल गया है।" यह घटना बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत हिंसा में खतरनाक बढ़ोतरी और बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति के बीच हुई है।
