सरकारी बैंकों में बड़ा विलय: 2027 तक सिर्फ 4 बड़े PSU बैंक रह जाएंगे, रोजगार के अवसरों पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार सरकारी बैंकों के विलय की योजना पर तेजी से काम कर रही है, जिससे 2027 तक केवल चार बड़े सरकारी बैंक—SBI, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा और एक और प्रमुख बैंक—शेष रहेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य एक मजबूत और ग्लोबल स्तर का बैंकिंग नेटवर्क तैयार करना है, लेकिन इससे कर्मचारियों और शाखाओं पर चुनौतियां भी सामने आएंगी।
कौन-कौन से बैंक होंगे विलय में शामिल
सूत्रों के अनुसार इस विलय में Indian Overseas Bank, Central Bank of India, Bank of India, Bank of Maharashtra, UCO Bank और Punjab and Sindh Bank जैसे छोटे पब्लिक सेक्टर बैंक शामिल हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट में भी छोटे बैंकों के विलय या निजीकरण का सुझाव दिया गया था।
विलय के बाद बड़े बैंक की रूपरेखा
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Canara Bank और Union Bank को मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाया जाएगा।
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इंडियन बैंक और UCO Bank को एकीकृत किया जा सकता है।
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Indian Overseas Bank को SBI या PNB में मर्ज किया जा सकता है।
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Central Bank of India को PNB या बैंक ऑफ बड़ौदा में शामिल किया जा सकता है।
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Bank of India और Bank of Maharashtra को क्रमशः SBI या PNB/BoB में विलय किया जा सकता है।
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पंजाब एंड सिंध बैंक पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से सरकारी बैंक मजबूत और प्रतिस्पर्धी बनेंगे, लेकिन कर्मचारियों और ग्राहकों को समायोजित करने के लिए समय और संसाधनों की जरूरत होगी।
