उद्धव ठाकरे का बड़ा राजनीतिक खुलासा: 2019 में क्यों टूटा बीजेपी-शिवसेना गठबंधन, पहली बार सबकुछ बताया
Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों की सरगर्मी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 2019 के सियासी घटनाक्रम पर बड़ा बयान देकर हलचल तेज कर दी है। ठाकरे ने साफ शब्दों में कहा कि शिवसेना खुद से कांग्रेस के पास नहीं गई थी, बल्कि बीजेपी ने विश्वासघात किया था, जिसके चलते उन्हें महाविकास आघाड़ी (MVA) बनानी पड़ी।
बीजेपी-शिवसेना गठबंधन क्यों टूटा?
कैसे बना MVA? उद्धव ने बताई गठबंधन की असली कहानी
अपने निवास ‘मातोश्री’ में पदाधिकारियों के स्वागत कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि MVA की स्थापना कोई राजनीतिक मौकापरस्ती नहीं थी, बल्कि बीजेपी के "धोखे" का सीधा जवाब था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी उनके पास नहीं आए थे, बल्कि बदलते हालातों के कारण तीनों दल एक साथ आए। उन्होंने कहा कि उस समय शिवसेना पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश की गई, इसलिए लोकतांत्रिक तरीके से नई सरकार बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
उद्धव का शिंदे गुट पर सीधा हमला
उद्धव ठाकरे ने इस दौरान शिंदे गुट को भी जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले कांग्रेस को कोसते थे, आज उन्हीं के पोस्टरों पर सोनिया गांधी की तस्वीरें लगी हैं। ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि सत्ता की भूख ने उनका पूरा चरित्र बदल दिया है। ठाकरे के अनुसार, शिंदे गुट की लाचारी यह दिखाती है कि वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, जबकि यूबीटी शिवसेना अपने सिद्धांतों के साथ खड़ी है।
ठाणे और कोपरी में शिंदे के गढ़ में सेंध
ठाकरे ने बताया कि उनकी पार्टी ने पहली बार शिंदे के मजबूत गढ़ ठाणे और उनके विधानसभा क्षेत्र कोपरी-पाचपाखाड़ी में सेंधमारी की है। कई पदाधिकारी यूबीटी में शामिल हुए हैं। यह बीजेपी और शिंदे शिवसेना दोनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह इलाका शिंदे की राजनीतिक पहचान का केंद्र रहा है।
