नेपाल हिंसा में ₹5 अरब का हिल्टन होटल राख, बीमा क्लेम ₹31 अरब तक पहुंचने की आशंका

काठमांडू। नेपाल में भड़की हालिया हिंसा ने देश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे बड़ा झटका काठमांडू स्थित हिल्टन होटल को लगा, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाई गई आग ने इस 5-स्टार होटल को पूरी तरह तबाह कर दिया। होटल निर्माण में करीब 5 अरब भारतीय रुपए खर्च किए गए थे।
9 सितंबर को शुरू हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ हिल्टन ही नहीं, बल्कि सिंह दरबार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति निवास और कई सरकारी और निजी संस्थानों को भी आग के हवाले कर दिया। नेपाल इंश्योरेंस एसोसिएशन (NIA) के मुताबिक, बीमा कंपनियों को कुल ₹31 अरब (भारतीय रुपए) तक के क्लेम का सामना करना पड़ सकता है। यह नुकसान 2015 में आए भीषण भूकंप से तीन गुना अधिक बताया जा रहा है।
बीमा उद्योग के विशेषज्ञों और बैंकर्स का मानना है कि यह नेपाल के आर्थिक इतिहास का सबसे काला दौर साबित हो सकता है। NIA और नेपाल राष्ट्र बैंक मिलकर सभी क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले प्रतिष्ठान:
हिल्टन होटल के अलावा भाटभटेनी सुपरमार्केट, एनसेल, सीजी इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्लोबल कॉलेज, उल्लेंस स्कूल, सुजुकी शोरूम और सेंट्रल बिजनेस पार्क जैसी नामचीन कॉर्पोरेट कंपनियां हिंसा का शिकार बनीं। विराटनगर और इटहरी जैसे क्षेत्रों में तोड़फोड़ के साथ कई बैंक शाखाओं में आगजनी और लूटपाट की घटनाएं भी दर्ज की गईं। इनमें राष्ट्रीय वाणिज्य बैंक, हिमालयन बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और ग्लोबल IME बैंक शामिल हैं।
वित्तीय वर्ष 2024/25 में नेपाल की बीमा कंपनियों ने जहां ₹26 अरब का प्रीमियम जुटाया था, वहीं ₹11 अरब रुपए के क्लेम चुकाए थे। ताजा हालातों को देखते हुए बीमा कंपनियों को बड़े वित्तीय संकट की आशंका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिंसा और तोड़फोड़ को कवर करने वाली बीमा पॉलिसियों का प्रीमियम बहुत कम होता है, जबकि नुकसान बेहद व्यापक होता है। ऐसे में बीमाधारकों को भी अपेक्षाकृत कम मुआवजा मिलने की आशंका है।