भारत ने मॉरीशस को दिया 25 मिलियन डॉलर सहायता पैकेज, द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय

नई दिल्ली। मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की आठ दिवसीय भारत यात्रा के दौरान भारत ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की। भारत ने मॉरीशस को विशेष आर्थिक पैकेज की पेशकश की, जिसमें पोर्ट लुई के विकास, चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया की निगरानी, सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल, आयुष उत्कृष्टता केंद्र, पशु चिकित्सा स्कूल और पोर्ट लुई के एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर कंट्रोल टावर का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, सड़क और मोटरवे निर्माण, विशेष उपकरणों की आपूर्ति, और समुद्री सुरक्षा व रक्षा तैयारियों में सहायता दी जाएगी। भारत ने चालू वित्त वर्ष में 25 मिलियन डॉलर की बजटीय सहायता भी देने का वादा किया। दोनों देश स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने और उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए 96 करोड़ रुपये के अनुदान पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि मॉरीशस भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘महासागर’ दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है, जो क्षेत्र में समग्र सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-मॉरीशस के विशेष संबंधों को और मजबूत करेगी, जो सांस्कृतिक और जातीय बंधनों पर आधारित है। मिसरी ने जोर दिया कि भारत मॉरीशस के लिए हमेशा पहला सहायता प्रदाता रहा है, चाहे वह कोविड-19 महामारी हो या पिछले साल दिसंबर का चक्रवात। भारत ने मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए विशेष उपकरण प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत के ग्लोबल साउथ के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम 9 से 16 सितंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। उनके साथ उनकी पत्नी वीणा रामगुलाम, छह कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और एक व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी है। 9 सितंबर को मुंबई पहुंचने के बाद उन्होंने 10 सितंबर को वहां व्यावसायिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
11 सितंबर को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने पहले एकांत में और फिर अपने-अपने शिष्टमंडलों के साथ व्यापक चर्चा की। इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. रामगुलाम के सम्मान में भोज का आयोजन किया। रामगुलाम आज वाराणसी में गंगा आरती में शामिल होंगे और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनके सम्मान में रात्रिभोज की मेजबानी करेंगी।
यात्रा के अगले चरण में डॉ. रामगुलाम अयोध्या में राम मंदिर और तिरुपति में बालाजी मंदिर जाएंगे। इसके बाद वे नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
यह यात्रा नवंबर 2024 में डॉ. रामगुलाम के कार्यकाल में उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है। इससे पहले वे 2014 में नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा के बाद यह एक जवाबी यात्रा है, जहां दोनों देशों ने संबंधों को ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया था।
मिसरी ने बताया कि दोनों देशों ने मिशन कर्मयोगी के तहत मॉरीशस के सिविल सेवा अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए सहमति जताई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने मॉरीशस में राष्ट्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी रणनीति तैयार करने और एक निदेशालय स्थापित करने के लिए समझौता किया। चागोस समझौते पर भारत ने मॉरीशस की संप्रभुता का समर्थन किया, जिसे मॉरीशस के लिए ऐतिहासिक जीत बताया गया। स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
भारत और मॉरीशस के बीच यह साझेदारी भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और नीली अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। वाराणसी में यह शिखर सम्मेलन सभ्यतागत संबंधों, आध्यात्मिक बंधनों और लोगों से लोगों के बीच गहरे रिश्तों को रेखांकित करता है।