भारी बारिश का कहर: उत्तर भारत में तबाही, जम्मू में वैष्णो देवी यात्रा बाधित, मौसम विभाग ने फिर जारी किया अलर्ट

यूपी में मुज़फ्फरनगर समेत 17 जिले बाढ़ की चपेट में, 2.45 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर, राहत कार्य जारी
जम्मू में वैष्णो देवी यात्रा पर संकट
जम्मू के कटरा स्थित प्रसिद्ध वैष्णो देवी धाम की यात्रा मार्ग पर शनिवार रात भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ। इस हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए। भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने बचाव दलों को मौके पर भेजा है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने अब तक सबसे अधिक तबाही मचाई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मानसून सीजन में अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है। 534 से ज्यादा सड़कें पूरी तरह बंद हैं, जिनमें चंडीगढ़-कुल्लू हाईवे भी शामिल है। हजारों ट्रक और गाड़ियां बीच रास्ते में फंसी हैं, जिनमें लदा हुआ सेब, टमाटर और सब्जियां खराब हो रही हैं।
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कुल्लू और मंडी जिलों में सड़क और बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है, जबकि कांगड़ा जिले में पीने के पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। भूस्खलन और बाढ़ के चलते 12 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट भी बंद कर दिए गए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक अब तक करीब 2.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसमें सड़कें, पुल, बिजली और पानी की सप्लाई से जुड़ा ढांचा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
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कृषि और व्यापार पर गहरा असर
बाढ़ और भूस्खलन के कारण पहाड़ी राज्यों से आने वाली सब्जियों और फलों की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी की मंडियों में सेब और टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं, हिमाचल के किसान अपनी पूरी सालभर की मेहनत को बर्बाद होते देख हताश हैं।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा अभी बरकरार है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है और प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।