धान किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसर: बीआईआरसी 2025 में मिलेगा वैश्विक बाजार से जुड़ने का सुनहरा मौका
International Rice Conference: भारत के धान उत्पादक किसानों के लिए यह साल ऐतिहासिक होने वाला है। देश में पहली बार इस स्तर पर किसानों को वैश्विक बाजार और सप्लाई चेन से जोड़ने का अवसर मिलने जा रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (BIRC 2025) का आयोजन 30 और 31 अक्तूबर 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया जाएगा। इस सम्मेलन में देशभर से करीब 5,000 किसान भाग लेंगे, जहां वे अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, शोधकर्ताओं, और निर्यातकों से सीधे जुड़ सकेंगे।
बीआईआरसी 2025 से किसानों को मिलेगा नया अंतरराष्ट्रीय अनुभव
पर्यावरण-अनुकूल खेती तकनीकों पर जोर
बीआईआरसी 2025 में किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका उद्देश्य धान उत्पादन के दौरान होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों को कम करना है। सम्मेलन में भाग लेने वाले किसानों को बासमती और गैर-बासमती चावल की उच्च-मूल्य किस्मों के लिए संभावित अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मिलने का मौका मिलेगा। इससे किसानों को न केवल अपनी फसलों का बेहतर मूल्य मिलेगा बल्कि वे नए निर्यात बाजारों में भी अपनी जगह बना पाएंगे।
बिचौलियों पर निर्भरता घटेगी, बढ़ेगा किसानों का मुनाफा
वर्तमान में कई राज्यों के किसान सीमित बाजार मांग और कम दामों की वजह से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में बीआईआरसी 2025 किसानों को सीधे निर्यातकों से जोड़ने में मदद करेगा, जिससे वे बिचौलियों पर निर्भरता घटा सकें और उचित दाम प्राप्त कर सकें। साथ ही, सम्मेलन में भाग लेने वाले कृषि स्टार्टअप्स किसानों को नई तकनीकों और डिजिटल समाधान के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादकता बढ़ाने के उपाय बताएंगे।
भारतीय चावल निर्यातक महासंघ करेगा आयोजन
यह आयोजन भारतीय चावल निर्यातक संघ (IREF) की ओर से किया जा रहा है, जो देश के चावल पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख राष्ट्रीय निकाय है। इसमें देशभर के 7,500 से अधिक निर्यातक और उद्योग से जुड़े हितधारक शामिल हैं। संगठन का उद्देश्य भारतीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और देश के चावल निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
