गाजियाबाद। वायु प्रदूषण के उत्पन्न हुए हालातों का जायजा लेने के लिए एनजीटी के सदस्य ने शनिवार को गाजियाबाद का दौरा किया था। अधिकारियों ने एनजीटी के सदस्य को अपडेट रिपोर्ट दी। जिसमें कहा गया था कि शहर में वायु प्रदूषण कंट्रोल में है। वायु प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए जो भी मानक हैं उनका सबका पालन किया जा रहा है।
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लेकिन इसके बाद भी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। शहर की आबोहवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। पिछले 24 घंटे के अंतराल में गाजियाबाद का औसत एक्यूआई 250 के पार दर्ज किया गया है। सबसे बुरे हालात लोनी और इंदिरापुरम के हैं। लोनी में रविवार की शाम एक्यूआई 310 पर पहुंच गया। जबकि इंदिरापुरम में एक्यूआई 290 पर पहुंच गया। वसुंधरा और इंदिरापुरम का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार 250 के ऊपर बना हुआ है।
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शहर में ग्रैप-4 लागू है। इसके बाद भी वायु प्रदूषण रोकने के लिए प्रति जिम्मेदार लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शहर में धडल्ले से निर्माण कार्य हो रहा है। जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगाई जा रही है। गाजियाबाद का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 283 दर्ज किया गया। लोनी और इंदिरापुरम के एक्यूआई में बढ़ोत्तरी हुई है। वसुंधरा के एक्यूआई में बढ़ोत्तरी हुई है। लोनी का एक्यूआई मानक से अधिक बढ़ गया है।
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इससे हवा में धूल एवं धुएं के कणों की मात्रा मानक से कहीं अधिक रहा। ऐसे ही हालात इंदिरापुरम के भी हैं। इंदिरापुरम में रहने वाले लोगों को सांस लेने तक में परेशानी हो रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई टीमें उतारी गई हैं। सभी टीमें अपना काम कर रही है। कुछ जगहों पर निरीक्षण कार्य के दौरान कार्रवाई भी की गई है। निर्माण कार्य व अन्य लापरवाही की वजह से परेशानी आ रही है।