गाजियाबाद: डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग दंपति से साइबर अपराधियों ने पौने तीन करोड़ रुपए ठगे
गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले बुजुर्ग दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने पौने तीन करोड़ रुपये ठग लिये। जालसाजों ने खुद को पहले टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताया और फिर महाराष्ट्र पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर दंपति को मनी लांड्रिंग का आरोपित बताया। इसके बाद जेल भेजने की धमकी देकर मोटी रकम वसूल ली।
अपर पुलिस उपायुक्त (क्राइम) पीयूष कुमार सिंह ने साेमवार काे बताया कि साइबर थाने में आज दी शिकायत में राजनगर क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि 13 नवंबर की सुबह करीब साढ़े दस बजे लैंडलाइन फोन पर एक महिला का फोन आया। उसने खुद को एयरटेल कर्मचारी सोनम बाजवा बताते हुए कहा कि उनके नाम पर मुंबई में एक लैंडलाइन और वाईफाई कनेक्शन लिया गया है, जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और मानव तस्करी में हो रहा है। उसने दो घंटे में लैंडलाइन, वाई-फाई और मोबाइल नंबर बंद होने की बात कहते हुए उन्हें कथित महाराष्ट्र पुलिस की हेल्पलाइन से जोड़ा, जहां खुद को एएसआई संजय सिंह बताने वाले ने कहा कि उनके नाम से कई बैंक खाते चल रहे हैं और वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में संदिग्ध हैं। उसने अगले दिन उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी भी दी।
इसके बाद एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का डिप्टी एसपी आनंद राणा बताया और फिर एक कथित सरकारी वकील को कॉल पर जोड़ा गया। पीड़ित द्वारा खुद को दिल की बीमारी बताने पर आरोपियों ने कहा कि उन्हें मेडिकल आधार पर विशेष जांच का मौका मिलेगा, लेकिन इसके लिए उनके और उनकी पत्नी की 85 प्रतिशत नकद संपत्ति फॉरेंसिक ऑडिट के नाम पर आरबीआई एस्क्रो अकाउंट में जमा करनी होगी। गिरफ्तारी और बदनामी के डर से उन्होंने विरोध करने की हिम्मत नहीं की। पीड़ित बुजुर्ग का कहना है कि 14 नवंबर से 26 नवंबर तक उन्हें वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। हर दो घंटे में वीडियो कॉल करके कहां बैठे हैं, क्या खा रहे हैं, किससे बात की, टीवी पर क्या देख रहे हैं, यह सब पता किया जाता है। आरोप है कि 14 नवंबर से एक दिसंबर के बीच अलग-अलग तारीखों में उनसे दो करोड़ 86 लाख 62 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। उन्होंने आधी रकम एफडी और म्यूचुअल फंड तुड़वाकर जुटाई।
