नोएडा । नोएडा प्राधिकरण में लापरवाही से काम करने वाले 8 वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी गई है। वहीं सफाई सुपरवाईजर का एक माह का वेतन रोके जाने का निर्देश सीईओ द्वारा दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम के कड़े रूख के चलते आज अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जनहित के मामलों, विशेषकर आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) के तहत प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीईओ ने आईजीआरएस मामलों के समय पर और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में विफलता पर 8 वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्देश वित विभाग को दिया है। वहीं एमपी-1 सेक्टर-4 में गंदगी पाये जाने के कारण क्षेत्र के सफाई सुपरवाईजर विवेक का एक माह का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया गया है।
बताया जा रहा है कि यह निर्णय उन विभागों के संदर्भ में लिया गया है जिनके पास 12 से अधिक आईजीआरएस प्रकरण निस्तारण के लिए लंबित हैं और उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है। बार-बार निर्देशों के बावजूद, संबंधित अधिकारियों द्वारा इन महत्वपूर्ण जन शिकायतों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित नहीं किया जा रहा था, जिसे अत्यंत आपत्तिजनक स्थिति माना गया है। जिसके चलते एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली मामलों के समय पर और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लापरवाही के चलते, संबंधित प्राधिकरण ने आठ (8) विभागाध्यक्षों व वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन आहरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
जिन अधिकारियों के वेतन आहरण पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगी है, उनका विवरण:-
क्रांति शेखर सिंह विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउसिंग), अरविन्द कुमार सिंह विशेष कार्याधिकारी (भूलेख), एके अरोड़ा महाप्रबंधक (सिविल), एसपी सिंह महाप्रबंधक (सिविल), आरपी सिंह महाप्रबंधक (जल), मीना भार्गव महाप्रबंधक (नियोजन), प्रिया सिंह सहायक महाप्रबंधक (औद्योगिक) तथा संजीव कुमार बेदी सहायक महाप्रबंधक (आवासीय भूखंड) का नाम शामिल है।
वहीं नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम स्पष्ट कहा है कि जनहित के मामलों, विशेषकर आईजीआरएस के तहत प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की ढिलाई विभागाध्यक्षों व वरिष्ठ अधिकारियों की बर्दाश्त नहीं की जाएगी।