आसाराम की जमानत रद्द कराने SC पहुँचे UP रेप विक्टिम के पिता: बोले-'पूरी तरह स्वस्थ है, बाहर रहने से जान को खतरा'
नई दिल्ली। यूपी की रहने वाली रेप पीड़िता के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और आसाराम की जमानत रद्द करने की मांग की है। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आसाराम को इलाज के लिए छह महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी।
आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छह महीने की जमानत दी थी। इसके आधार पर गुजरात हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को एक अन्य मामले में उन्हें छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 जनवरी 2025 को मेडिकल आधार पर 31 मार्च 2025 तक जमानत दी थी।
पीड़िता की ओर से वकील एल्जो जोसफ ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगस्त 2024 में हाईकोर्ट द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि आसाराम स्थिर हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं है। इसलिए उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए।
इस मामले की पृष्ठभूमि 2013 की है, जब शाहजहांपुर के एक परिवार की नाबालिग लड़की को आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम में ले जाकर रेप किया गया था। 25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पीड़िता और उसका परिवार लगातार सुरक्षा में हैं। पीड़िता अब 27 साल की हैं और दो साल के बच्चे की मां हैं। उनके घर के बाहर और आसपास छह पुलिसकर्मी तैनात हैं, दो गनर परिवार के साथ रहते हैं और चार सुरक्षाकर्मी घर के बाहर निगरानी रखते हैं। घर और आसपास लगे CCTV की फीड भी पुलिस के पास रहती है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए हाल ही में एसपी सिटी और CO सिटी ने स्थिति का रिव्यू किया और जवानों की संख्या बढ़ाई।
पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम के बाहर रहने से उनका परिवार लगातार डर में है और इसलिए उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए।
