सांप्रदायिक केसों की फाइलें गायब! छह माह में भी नहीं भेजे अभिलेख, बिहार सरकार ने जिलों को भेजा कड़ा नोटिस
Bihar News: बिहार के 23 जिलों में सांप्रदायिक धाराओं से जुड़े 102 केस लंबे समय से पेंडिंग पड़े हुए हैं। इन मामलों में अभियोजन स्वीकृति देनी है, लेकिन जिलों से केस से संबंधित आवश्यक अभिलेख गृह विभाग को अब तक नहीं भेजे गए हैं। इससे मामलों की प्रक्रिया रुकी हुई है।
डीएम और एसएसपी को भेजा गया पत्र
अधूरे अभिलेखों ने रोकी कानूनी प्रक्रिया
विभाग ने स्पष्ट किया कि सांप्रदायिक मामलों में अभियोजन तब तक स्वीकृत नहीं किया जा सकता, जब तक संपूर्ण केस दस्तावेज, रिपोर्ट, प्रतिवेदन और साक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाते। अभिलेख आने के बाद उनकी समीक्षा कर अगली कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मुजफ्फरपुर में सात केस
मुजफ्फरपुर जिले में सांप्रदायिक धाराओं के सात केस लंबित हैं। कई थानों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में महत्वपूर्ण साक्ष्य- जैसे वीडियो क्लिप, प्रतिवेदन, इलेक्ट्रॉनिक संदेश—अब तक जमा नहीं किए गए हैं, जिससे स्वीकृति प्रक्रिया बाधित है।
23 जिले जिनसे छह माह बाद भी नहीं आए अभिलेख
गृह विभाग की सूची के अनुसार औरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, गोपालगंज, जमुई, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, रोहतास, पश्चिम चंपारण सहित 23 जिलों ने छह माह बीतने के बाद भी रिकॉर्ड नहीं भेजा है। यह लापरवाही राज्य की कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।
किन जिलों में कितने केस लंबित- रोहतास और कटिहार सबसे ऊपर
राज्य में सांप्रदायिक धाराओं के सबसे अधिक 16 मामले रोहतास में, जबकि 15 केस कटिहार में दर्ज हैं। मुजफ्फरपुर में सात, सारण में आठ, जमुई में नौ और पश्चिम चंपारण में नौ मामले पेंडिंग हैं। यह दर्शाता है कि कई जिलों में रिपोर्टिंग और दस्तावेजीकरण बेहद कमजोर है।
