‘अब क्या वोट भी चुराओगे?’ मुंबई में ठाकरे भाइयों की विशाल रैली, मतदाता सूची की गड़बड़ियों पर विपक्ष का संगठित प्रदर्शन
Maharashtra News: मुंबई में शनिवार को मतदाता सूची की गड़बड़ियों के मुद्दे ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी, जब राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक बार फिर एक मंच पर दिखाई दिए। दोनों नेताओं ने दावा किया कि मतदाता सूची में हजारों दोहरे नाम शामिल हैं, जिन्हें हटाया नहीं गया है, और इसी कारण यह रैली आयोजित की गई। कार्यक्रम में राकांपा (शरद पवार गुट) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
राज ठाकरे की संभावित एंट्री पर बढ़ी चर्चा
पहले भी आए थे साथ
तीन महीने पहले दोनों भाई प्राथमिक कक्षाओं में हिंदी शिक्षा अनिवार्य किए जाने के विरोध में साथ आए थे। उसके बाद अब यह दूसरी बार है जब राज और उद्धव ठाकरे एक सार्वजनिक मुद्दे पर एक मंच पर दिखे। यह राजनीतिक निकटता आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में बड़े गठजोड़ की ओर संकेत करती है।
म्युनिसिपल भवन के सामने ‘सत्याचा मोर्चा
दक्षिण मुंबई में बीएमसी मुख्यालय के सामने आयोजित रैली को ‘सत्याचा मोर्चा’ नाम दिया गया। यहां हजारों लोग जुटे। मंच पर राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी ने विपक्ष को एकजुटता का नया प्रतीक दिया।
साथ लाए सबूतों के ढेर
राज ठाकरे दादर से चर्चगेट तक लोकल ट्रेन से सफर कर रैली स्थल पहुंचे। उन्होंने अपने साथ कई लोकसभा क्षेत्रों के मतदाता सूची में गड़बड़ियों के प्रमाण भी प्रस्तुत किए। उन्होंने आरोप लगाया कि कल्याण-डोंबीवली के 4,500 मतदाता मलाबार हिल में भी वोट डाल चुके हैं, जो चुनावी प्रणाली को खतरे में डालने वाला गंभीर मामला है।
उद्धव ठाकरे ने कहा-पहले सूची ठीक करें
उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि सभी राजनीतिक दल मानते हैं कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी है, जबकि उसे ठीक करने का प्रयास नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इन सबूतों को लेकर न्यायालय जाएगी और यदि वहां समाधान नहीं मिला, तो ‘जनता की अदालत’ में जाएंगे। उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी चुराई, निशान चुराया, अब क्या वोट भी चुराओगे?”
भाजपा का मूक प्रदर्शन
उधर, भाजपा ने महाविकास आघाड़ी की इस रैली का विरोध करते हुए दक्षिण मुंबई के गिरगांव क्षेत्र में ‘मूक प्रदर्शन’ किया। भाजपा नेताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर आरोप लगाया कि विपक्ष चुनाव से पहले फर्जी बयानबाजी कर रहा है और मतदाता सूची को बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रहा है।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा जैसे-जैसे जोर पकड़ रहा है, महाराष्ट्र की राजनीति का तापमान भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस रैली ने आगामी निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक मोर्चेबंदी मजबूत कर दी है और संकेत साफ हैं कि आने वाले हफ्तों में यह मामला और बड़ा राजनीतिक विवाद बनेगा।
