900 करोड़ JJM घोटाले में सात महीने बाद बड़ी राहत: पूर्व मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लंबी सुनवाई के बाद...
Mahesh Joshi Granted Bail: जल जीवन मिशन के 900 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। करीब सात महीने से जयपुर सेंट्रल जेल में बंद जोशी की जमानत याचिका पर बुधवार को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद उनका पक्ष स्वीकार कर जमानत मंजूर कर दी। हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। यह फैसला जोशी और उनकी पार्टी दोनों के लिए बड़ा राजनीतिक संबल माना जा रहा है।
ED की गिरफ्तारी से लेकर हाईकोर्ट की सख्ती तक
व्यक्तिगत त्रासदी के बीच जारी रही कानूनी लड़ाई
इस पूरे विवाद के दौरान महेश जोशी एक बड़ी व्यक्तिगत पीड़ा से भी गुजरे। 28 अप्रैल को उनकी पत्नी का निधन हो गया था। इस दुखद समय में कोर्ट ने उन्हें चार दिन की अंतरिम राहत दी थी, जिसके बाद वे लगातार न्यायिक हिरासत में वापस चले गए। परिवार और करीबी लोगों के लिए यह समय बेहद कठिन रहा, जबकि जोशी कानूनी लड़ाई जारी रखते रहे। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें लंबे समय बाद राहत पहुंचाई है।
सुप्रीम कोर्ट में बचाव पक्ष ने रखी मजबूत दलीलें
जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और विवेक जैन ने दलील दी कि ED के रिकॉर्ड में रिश्वत लेने का कोई ठोस आधार नहीं है और जो आरोप लगाए गए हैं, वे केवल शंकाओं पर आधारित हैं। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि 55 लाख रुपए की पूरी राशि वापस कर दी गई है, जो रिश्वत के सिद्धांत को कमजोर करती है। यदि राशि वास्तव में रिश्वत होती, तो उसे लौटाया नहीं जाता—यह तर्क अदालत में महत्वपूर्ण माना गया। सुप्रीम कोर्ट ने इन तर्कों पर गंभीरता से विचार किया।
ED ने जताई कड़ी आपत्ति, गवाह प्रभावित होने का खतरा बताया
ED ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि 55 लाख रुपए का संदिग्ध लेन-देन सामने है और अन्य FIR में भी जोशी की भूमिका की जांच जारी है। एजेंसी ने यह भी तर्क दिया कि आरोपी की रिहाई से गवाह प्रभावित हो सकते हैं और जांच प्रभावित हो सकती है। हालांकि, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत देने का निर्णय किया और कहा कि आगे की जांच कानून के अनुसार जारी रहेगी।
JJM घोटाले में अनियमितताओं की परतें अभी भी खुल रही हैं
जल जीवन मिशन घोटाले की जांच में अब तक कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने के लिए चल रही इस योजना में DI पाइप की जगह बिना अनुमति HDPE पाइप लगाए गए। कई स्थानों पर पुरानी पाइप को नया बताकर बिल पास कराए गए और कुछ स्थानों पर तो पाइपलाइन बिछाई ही नहीं गई, फिर भी भुगतान उठा लिया गया। जांच में यह भी पता चला कि हरियाणा से चोरी की पाइप लाकर उन्हें नए की तरह उपयोग किया गया। फर्जी दस्तावेजों पर टेंडर आबंटन का मामला भी प्रमुख आरोपों में शामिल है।
ट्रायल अभी लंबा, राजनीतिक हलचल और बढ़ सकती है
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद JJM घोटाले की जांच अभी जारी रहेगी। यह मामला आने वाले महीनों में राजस्थान की राजनीति, प्रशासनिक जवाबदेही और कांग्रेस की रणनीति पर बड़ा असर डाल सकता है। ट्रायल शुरू होने में समय लग सकता है, लेकिन इस बीच जमानत मिलने से कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है और जोशी अब खुलकर अपनी सफाई और राजनीतिक रणनीति पर काम कर पाएंगे।
