सहारनपुर। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ‘वित्तीय समझदारी-समृद्ध नारी’ थीम पर मनाये जा रहे वित्तीय जागरूकता सप्ताह के तहत क्रिसिल फाउन्डेशन के तत्वावधान में सहारनपुर वित्तीय साक्षरता केन्द्रों द्वारा विभिन्न ग्रामों में वित्तीय साक्षरता कैम्प आयोजित किये गये, जिनमें क्रिसिल फाउन्डेशन की एसिस्टेंट एरिया मैनेजर शीजा खानम व सहारनपुर टीम द्वारा ग्रामीणों को वित्तीय साक्षर करते हुए वित्तीय नियोजन, बचत और जोखिम प्रबन्धन व विकास के लिए ऋण आदि विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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ग्राम अबदयालपुर व बेहट देहात में कैम्प को संबोधित करते हुए एसिस्टेंट एरिया मैनेजर शीजा खानम ने कहा कि वित्तीय साक्षरता से ही पैसों का सही प्रबन्धन सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक गरीब व मध्यम परिवार का व्यक्ति पूरी जिन्दगी पैसे के लिए कार्य करता है, जबकि अमीरों के लिए उनका पैसा कार्य करता है। यदि हमे गरीबी से अमीरी की ओर जाना है, तो हैं वित्तीय नियोजन सीखना होगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय नियोजन के लिए सबसे पहले जरूरी है कि हम अपने घर का बजट बनाये और बजट इस तरह से बनना चाहिए कि जितनी आमदीन हो, उसका दस प्रतिशत निश्चित रूप से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बचत के साथ ही उसका निवेश भी किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि निवेश कहां पर सुरक्षित है और कहां पर ज्यादा वृद्धि हो सकती है। उन्होंने बताया कि बैंक में निवेश के लिए अनेक तरह के खाते खोले जाते हैं, जिनमें बचत खाते के अलावा, आरडी, एफडी, महिला बचत सम्मान पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, एनपीएस समेत सिस्टेमेटिक इनवेस्टिंग प्लान, म्यूचल फंड आदि में भी निवेश किया जा सकता है। इसके अलावा गोल्ड व प्रोपट्रज्ी में कैसे निवेश किया जाता है, इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी।
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उन्होंने डिजीटल फ्रॉड व डिजीटल बैंकिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से टैक्नालॉजी बढ़ रही है, उसी तरह तरह से फ्रॉड भी हाईटेक हो गये हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह से फोन व सोशल मीडिया के माध्यम से स्केम किये जा रहे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह किसी भी अंजान व्यक्ति को फोन पर अपनी निजी जानकारी ना दें। इसके अलावा किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें, क्योंकि स्केमर लिंक के माध्यम से भी आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि डिजीटल बैंकिंग बहुत जरूरी है, क्योंकि आने वाले समय में यदि डिजीटल बैंकिंग नहीं सीखेंगे, तो हम काफी पीछे रह जायेंगे। उन्होंने ग्रामीणों को नोकिया फोन का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह नोकिया जमाने के साथ नहीं चला, तो वह कितना पिछड़ गया।
सेन्टर मैनेजर कंवरपाल सिंह व बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे समाज में ज्यादातर परिवार ऐसे हैं, जिनमें एक कमाने वाला होता है और ज्यादातर खाने वाले होते हैं, ऐसे में यदि इस कमाने वाले को कुछ हो जाता है, तो पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है। इसके लिए समाािजक सुरक्षा का दायरा बनना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बीमा व पेन्शन की ऐसी योजनाएं चलाई जा रही है, जिनमें बहुत कम प्रीमियम पर समाज के लिए एक सुरक्षा कवच बन सकता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में केवल साल में 20 रुपए प्रीमियम देकर दो लाख का दुर्घटना बीमा मिलता है। इसी तरह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत 436 रुपए सालाना प्रीमियम देकर दो लाख का सामान्य बीमा मिल सकता है। उन्होंने बताया कि बुढ़ापे में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभी से सोचना होगा। उन्होंने बताया कि अटल पेन्शन योजना में निवेश कर 60 वर्ष के बाद एक हजार से लेकर पांच हजार तक की पेन्शन प्राप्त की जा सकती है।
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कार्यक्रम को एफसी अनिल कुमार, धनपाल सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एलडीएम प्रवीण जमुआर, सीनियर फैक्लिटी आरसेटी अमित कुमार चौबे, एफएलसी शान सैय्यद हुसैन, ग्राम प्रधान अनिल कुमार, पंचायत सहायक अनुराग, समूह सखी मीना का सहयोग रहा।