पेट की चर्बी घटाए और एकाग्रता बढ़ाए, जानिए 'कुक्टासन' के कमाल के फायदे
नई दिल्ली। ऐसे कई सारे आसन हैं, जो न केवल शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं, बल्कि आंतरिक रूप से ऊर्जा भी जागृत करते हैं। 'कुक्टासन' एक ऐसा ही योगासन है, जो शरीर को संतुलित रखने के साथ-साथ कंधों और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। 'कुक्कुटासन' एक संस्कृत शब्द है, जिसमें 'कुक्कुट' का अर्थ होता है 'मुर्गा' और 'आसन' का अर्थ होता है 'मुद्रा'। इस आसन को करते समय शरीर मुर्गे की तरह दिखता है, जिस वजह से इस आसन को 'कुक्कुटासन' कहते हैं। शुरुआत में 'कुक्कुटासन' करने में थोड़ी मुश्किलें होती हैं, लेकिन नियमित करने से शरीर को कई सारे लाभ मिलते हैं।
दोनों हथेलियों को मजबूती से जमीन पर टिका दें और ध्यान रखें कि हथेलियों के बीच लगभग 3 से 4 इंच का फासला हो। अब गहरी सांस भरते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं। इस दौरान आपकी गर्दन सीधी और आंखें सामने की ओर केंद्रित होनी चाहिए। इस मुद्रा में 15 से 20 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाकर पद्मासन की स्थिति में वापस आ जाएं। गर्भवती महिलाओं और हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को भी इसे करने से बचना चाहिए। शुरुआती लोगों को योग प्रशिक्षक की देखरेख में इसका अभ्यास शुरू करना चाहिए।
