मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत और आनंद दुबे ने ‘सामना’ में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ किए जाने पर प्रतिक्रिया दी। संजय राउत ने सवाल किया कि आखिर हम क्यों नहीं उनकी तारीफ करें? वहीं दुबे ने कहा कि तारीफ पर किसी के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए। संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि राजनीति में आलोचना जरूरी है, लेकिन जब कोई अच्छा काम करता है, तो निश्चित तौर पर हमें उसके कार्यों का भी जिक्र जरूर करना चाहिए।
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संजय राउत ने कहा, “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना राजनीतिक मतभेदों के कारण स्वाभाविक है, लेकिन जब उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता के लिए अच्छे कदम उठाए हैं, तो उन प्रयासों की सराहना भी की जानी चाहिए। यह शिवसेना का भी दृष्टिकोण है, जो बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा पर आधारित है।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री फडणवीस ने गढ़चिरौली जैसे नक्सलवाद प्रभावित जिले में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। गढ़चिरौली को “पोलाद सिटी” (इस्पात नगरी) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां नक्सलवाद खत्म हो रहा है और बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है।
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यह राज्य के हित में है और इसके लिए फडणवीस की प्रशंसा की जानी चाहिए। इसके अलावा, 10 खतरनाक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर संविधान को अपनाया, जो हर मराठी और भारतीय के लिए गर्व की बात है।” राउत ने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यों को भी सराहा जाना चाहिए, खासकर गढ़चिरौली जिले को सही दिशा में लाने के उनके प्रयासों के लिए। यह जिले के विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है, जो पहले खंडणी वसूली के कारण विकास से वंचित था।” उन्होंने मराठी भाषा को लेकर भी अपनी बात रखी।
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उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में मराठी भाषा की अहमियत को लेकर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री को मराठी मानुष का अपमान सख्ती से रोकना चाहिए। जैसा कि नक्सलवाद को खत्म करने में सख्ती दिखाई जा रही है, उसी तरह मराठी अस्मिता की रक्षा में भी सख्ती बरतनी चाहिए।” उन्होंने कश्मीर का नाम बदलने पर कहा कि कश्मीर का नाम बदलने के बारे में अधिक बात करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नाम बदलने से कोई खास बदलाव नहीं होता है। शिवसेना यूबीटी के नेता आनंद दुबे ने भी सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम राजनीति और समाज सेवा के लिए आए हैं और जब भी चुनाव होते हैं, तो राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
लेकिन जब चुनाव समाप्त हो जाते हैं, तो अगर सरकार कोई अच्छा काम करती है, तो हम उसका समर्थन और तारीफ करते हैं। वहीं, अगर सरकार गलत काम करती है, तो हम उसकी आलोचना भी करते हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि अब अगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने नए साल की शुरुआत में गढ़चिरौली जाते हैं, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, और वहां के लोगों से मिलकर यह भरोसा दिलाते हैं कि हम आपको मुख्य धारा में जल्दी लाएंगे और आपके विकास के लिए काम करेंगे, तो यह एक सराहनीय कदम है।
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अगर हम इसकी तारीफ करते हैं, तो इससे किसी को क्यों समस्या होनी चाहिए? उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों के प्रति जिम्मेदार हैं। उनकी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता के सवालों का सही जवाब दें। हम विपक्ष में हैं और हमारा काम है कि हम जनता के मुद्दों को सरकार तक पहुंचाएं। अगर हम आज सरकार के अच्छे काम की सराहना कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कल हम सरकार के खिलाफ कुछ कहने नहीं आएंगे।
यह सिर्फ एक सवाल है कि अगर हम आज तारीफ कर रहे हैं, तो कल और मुद्दों को लेकर हम सरकार से सवाल करेंगे, तो लोग क्या सोचेंगे? उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि महाराष्ट्र की भलाई के लिए जो अच्छा काम करेगा, उसकी सराहना करनी चाहिए और जो गलत करेगा, उसकी आलोचना करनी चाहिए। हमने सिर्फ एक बयान दिया है कि देवेंद्र फडणवीस जी ने अच्छा काम किया है और बाकी मंत्रियों और सरकार को उनसे सीखने की जरूरत है। —