दिल की सेहत के लिए रामबाण है लौकी का जूस, पेट की हर समस्या होगी दूर



महाऋषि वागवट का मानना है कि हार्ट अटैक का खतरा तभी होता है जब रक्त में अम्लीयता यानी एसिडिटी बढ़ जाती है और हृदय की नलियां मोटी होकर रक्त प्रवाह को रोकने लगती हैं, जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा रहता है। विज्ञान में भी बताया गया है कि पाचन की गति धीमी होने के बाद पेट में एसिडिटी की समस्या बनती है और अम्ल बनता है। ऐसे में खट्टी डकार और गैस बनने की परेशानी होती है, लेकिन जब ये अम्ल हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो रक्त को प्रभावित करता है।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए आयुर्वेद में क्षारीय चीजों के सेवन पर जोर दिया जाता है। लौकी, जिससे घरों में सब्जी, बर्फी और खीर बनती है, रक्त में अम्लीयता को कम करने का काम करती है। लौकी गुणों से भरपूर होती है; इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन ए, बी, सी, और ई होता है। लौकी का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है। हार्ट अटैक से बचने के लिए भी आयुर्वेद में लौकी का जूस का सेवन करने के लिए कहा गया है।
इसके लिए लौकी का जूस बनाकर उसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी और कुछ पुदीने के पत्ते मिला सकते हैं। जूस से पेट में अपच न हो, इसके लिए काला नमक या सेंधा नमक डाल सकते हैं। लौकी के इस जूस का सेवन सुबह खाली पेट या नाश्ते के आधे घंटे बाद किया जा सकता है। इसे पीने से पेट ठंडा रहेगा और पेट के पाचन में तेजी होगी, जिससे पेट में अम्ल कम बनेगा और रक्त भी साफ रहेगा। लौकी का जूस पूरे शरीर को डिटॉक्स करने की ताकत रखता है। इसके अलावा, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी लौकी का जूस सहायक है। लौकी का जूस वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी त्वचा और बालों को स्वस्थ रखता है।