‘वक्रासन’ से पाएं तन-मन का संतुलन, शुगर कंट्रोल और मानसिक शांति का राज़
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और बीमारियां होना आम बात है। इसी के साथ ही मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखना एक चुनौती के समान हो गया है। ऐसे में योगासन एक प्रभावी उपाय है। योग न सिर्फ शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि मन को शांत और रोगों से लड़ने की ताकत भी प्रदान करता है। योग के कई सारे आसन होते हैं, जिनमें 'वक्रासन' बहुत सरल और प्रभावी है, जिसे हर उम्र के लोगों के लिए करना उपयोगी होता है।
आयुष मंत्रालय ने भी 'वक्रासन' पर विशेष जानकारी दी, जिसमें बताया गया है कि 'वक्र' शब्द का अर्थ घुमाव है। इस आसन में रीढ़ की हड्डी को घुमाया जाता है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा आती है। यह मेरुदंड में लचीलापन बढ़ाता है और साथ ही मधुमेह को भी नियंत्रित करता है। मंत्रालय का कहना है कि हर दिन योग अपनाएं और स्वस्थ जीवन का संकल्प लें। वक्रासन, जिसे 'ट्विस्टेड पोज' या 'हाफ स्पाइनल ट्विस्ट' भी कहते हैं, एक योगासन है जिसमें रीढ़ की हड्डी को फ्लैक्स किया जाता है।
यह पाचन, रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन और पेट की चर्बी कम करने में सहायक है। 'वक्रासन' को करने से पैंक्रियास सक्रिय रहता है और इंसुलिन हार्मोन बनाता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है। साथ ही, यह मन को शांत रखता है और दिन भर की थकान मिटाता है और मानसिक तनाव को कम करता है। 'वक्रासन' को करने के लिए दंडासन में सीधे बैठ जाएं। फिर, बाएं पैर को मोड़कर दाएं घुटने के पास रखें और दाएं हाथ को घुमाकर बाएं पैर के पास ले जाएं और बाएं हाथ को पीछे जमीन पर टिकाएं।
फिर कमर, कंधे और गर्दन को धीरे-धीरे बाईं ओर मोड़ें और रीढ़ सीधे रखें और सामान्यता के साथ सांस लें और 30 सेकंड तक रखें। वहीं, दूसरी तरफ भी यही दोहराएं और रोजाना 5-10 मिनट तक अभ्यास करें। आयुष मंत्रालय की सलाह है कि पीठ दर्द, हाल की सर्जरी, रीढ़ की गंभीर समस्या या मासिक धर्म के दौरान यह आसन न करें। डॉक्टर से सलाह लें। योग अपनाकर हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
