मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा निर्देश: गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर तक हर हाल में करें पूरा, गति बढ़ाने पर जोर
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश औद्योगिक एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने सड़क परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे केवल सड़कें नहीं हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक भविष्य की रीढ़ हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि नए एक्सप्रेसवे की योजना बनाते समय ओवरलैप को रोकने और पूरे राज्य में एक एकीकृत, समन्वित सड़क अवसंरचना सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) नेटवर्क के साथ पूर्ण तालमेल बनाए रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट में रक्षा औद्योगिक गलियारे के सभी नोड्स पर कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए और उन्हें रक्षा उद्योग से जोड़ना चाहिए ताकि रोजगार के अवसर पैदा हों और क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
बैठक में बताया गया कि रक्षा गलियारे के लिए लगभग 30,819 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 5,039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है और कई कंपनियां पहले ही परिचालन शुरू कर चुकी हैं। राज्य की भूमि आवंटन नीति पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई निवेशक तीन वर्षों के भीतर आवंटित भूमि का उपयोग नहीं करता है तो आवंटन स्वतः रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को भूमि उपयोग की निगरानी के लिए एक पारदर्शी प्रणाली स्थापित करने और वास्तविक प्रगति के आधार पर ही निवेशकों को आगे की सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में
रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !
