मेरठ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री और मेरठ दक्षिण क्षेत्र से विधायक सोमेंद्र तोमर एक बार फिर विवादों में हैं। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
दोनों नेताओं ने आरोप लगाया है कि सोमेंद्र तोमर और उनकी पत्नी की संपत्ति 2017 से 2022 के बीच उनकी घोषित आय से कई गुना बढ़ गई है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखी शिकायत में स्पष्ट आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।
आय और संपत्ति में असमानता के आरोप
शिकायत में कहा गया है कि सोमेंद्र तोमर द्वारा 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में दाखिल शपथपत्रों के अनुसार,
• 2017 से 2022 के बीच सोमेंद्र तोमर की कुल आय ₹43 लाख और
• उनकी पत्नी अंजली तोमर की आय ₹29 लाख बताई गई थी।
इस प्रकार, पांच वर्ष की अवधि में दोनों की कुल आय ₹72 लाख हुई।
हालांकि, इसी अवधि में दोनों की संपत्तियों में भारी इजाफा देखने को मिला।
• सोमेंद्र तोमर की कुल चल और अचल संपत्ति ₹1.85 करोड़ बढ़ी,
• जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति में ₹28 लाख की वृद्धि हुई।
अर्थात कुल मिलाकर ₹2.13 करोड़ की संपत्ति वृद्धि हुई — जो उनकी घोषित आय से लगभग तीन गुना अधिक है।
निजी ट्रस्ट के ज़रिए ज़मीन खरीद का आरोप
अमिताभ ठाकुर ने आगे बताया कि सोमेंद्र तोमर “शांति निकेतन ट्रस्ट” नामक एक निजी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
इस ट्रस्ट ने जनवरी 2023 से अप्रैल 2025 के बीच मेरठ के कायस्थ गांवड़ी में 47,000 वर्ग मीटर भूखंड लगभग ₹10.5 करोड़ में खरीदा है।
उन्होंने इस खरीद के वित्तीय स्रोत पर सवाल उठाते हुए ट्रस्ट की भी स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
अमिताभ ठाकुर और देवेंद्र सिंह राणा ने कहा है कि यदि एक महीने के भीतर इस मामले में जांच शुरू नहीं की गई, तो वे इस प्रकरण को कानूनी स्तर पर आगे बढ़ाएंगे।
अमिताभ ठाकुर ने इस पूरे प्रकरण पर वीडियो बयान भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच और राज्यमंत्री की संपत्ति की आय से तुलना कराने की मांग की है।
नूतन ठाकुर ने भी उठाई आवाज
इस मामले में अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए हैं कि सोमेंद्र तोमर की अवैध रूप से अर्जित कई संपत्तियां हैं, जिनकी जांच आवश्यक है। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विपक्ष में हलचल
इस पूरे विवाद के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी राज्य मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग उठाई है। राजनीतिक गलियारों में इस मामले को लेकर हलचल तेज हो गई है।