चंडीगढ़ में ‘डेंजर डॉग्स’ पर सख्त रोक: अब नहीं दिखेंगे पिटबुल-रोटविलर जैसे आक्रामक कुत्ते
Punjab News: चंडीगढ़ प्रशासन ने शहरवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिकन बुल डॉग, पिटबुल टेरियर, केन कोर्सो और रॉटवीलर समेत कई आक्रामक कुत्तों की नस्लों के पालन और बिक्री पर रोक लगा दी है। यह कदम चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग बायलॉज के अंतर्गत उठाया गया है। प्रशासन के अनुसार, इन नस्लों को अत्यधिक आक्रामक माना गया है और इनके हमलों के कई गंभीर मामले सामने आए हैं।
नियम तोड़ने वालों पर सख्त एक्शन
रजिस्ट्रेशन अब होगा अनिवार्य
शहर में अब किसी भी पालतू कुत्ते को रखने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। इसके तहत प्रत्येक मालिक को 500 रुपये की फीस के साथ अपने कुत्ते का पंजीकरण कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन हर पाँच साल बाद नवीनीकृत करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया से नगर निगम को पालतू कुत्तों से जुड़ी जानकारी रखना आसान होगा, जिससे किसी भी घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय की जा सके।
काटने की घटना पर मालिक जिम्मेदार
नए नियमों के अनुसार यदि कोई पंजीकृत कुत्ता किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके मालिक को मुआवजा देना होगा। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहले ही यह निर्धारित कर चुका है कि हर दांत के काटने पर दस हजार रुपये तक का मुआवजा पीड़ित को देना होगा। अब तक ऐसे 150 से अधिक मामलों में मुआवज़ा दिया जा चुका है। प्रशासन का कहना है, यह कदम लोगों में जिम्मेदारी की भावना पैदा करेगा।
साफ-सफाई पर भी सख्ती
अगर कोई पालतू कुत्ता सार्वजनिक स्थल पर शौच करता है, तो उसे साफ करना मालिक की जिम्मेदारी होगी। ऐसा न करने पर दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, आवारा कुत्तों को खाना केवल उन स्थानों पर दिया जा सकेगा, जिन्हें नगर निगम और आरडब्ल्यूए की सहमति से तय किया गया है। इसका उद्देश्य शहर में स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखना है।
पेट्स के लिए पहचान चिह्न जरूरी
नई गाइडलाइन के तहत हर पालतू कुत्ते के गले में मेटल टोकन और पट्टा अनिवार्य होगा। इस टोकन में कुत्ते की वैक्सीनेशन जानकारी और पंजीकरण नंबर दर्ज रहेगा। बिना पट्टे के कुत्तों को घर से बाहर ले जाने पर भी जुर्माना लगेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह उपाय नियंत्रण न खोने और किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
