लखनऊ में गैंगरेप केस से नाम हटाने के लिए दरोगा ने मांगी 2 लाख की रिश्वत, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन टीम) ने एक दरोगा को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरोगा ने एक कोचिंग संचालक को गैंगरेप के झूठे केस से नाम हटाने के एवज में यह रिश्वत मांगी थी।
क्या था मामला और रिश्वत की मांग?
कोचिंग संचालक प्रतीक गुप्ता ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रतीक ने बताया कि उनके यहां काम करने वाली एक लड़की ने नौकरी छोड़ने के 4 महीने बाद महानगर थाने में गैंगरेप का झूठा मामला दर्ज कराया। लड़की ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल पहले प्रतीक और रियाज अहमद नामक व्यक्ति ने उसके साथ गैंगरेप किया था। प्रतीक का कहना है कि वह रियाज को जानता भी नहीं है।
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रिश्वत की मांग: पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर प्रतीक को पता चला कि उसे इस मामले में फंसाकर पहले 50 लाख रुपये की मांग की गई थी। बाद में दरोगा धनंजय सिंह ने केस से नाम हटाने के एवज में रिश्वत मांगी थी।
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शिकायत: प्रतीक गुप्ता (जिनकी 16 अक्टूबर को बेल हुई थी) ने 19 अक्टूबर को एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई।
एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई
एंटी करप्शन के सीओ आरके शर्मा ने बताया कि रिश्वत मांगने की शिकायत सही पाए जाने पर 18 लोगों की टीम के साथ ट्रैप कार्रवाई प्लान की गई। बुधवार को प्रतीक गुप्ता को 2 लाख रुपये नगद के साथ चौकी भेजा गया।
जैसे ही दरोगा धनंजय सिंह ने प्रतीक से रिश्वत के रुपए लिए, बाहर इंतजार कर रही एंटी करप्शन टीम ने धावा बोल दिया और उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दरोगा को अलीगंज थाने ले जाकर उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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