भाकियू ने गन्ना मूल्य पर जताई ख़ुशी, हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक ने बताया अपर्याप्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य ₹30 प्रति क्विंटल बढ़ाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके बाद प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों में खुशी और उम्मीद दोनों देखने को मिल रही है।
उन्होंने साथ ही राज्य सरकार के अन्य किसान हितैषी कदमों — जैसे मुफ्त बिजली, रबी बीजों पर 50% अनुदान और यूरिया के कम दाम — के लिए भी आभार व्यक्त किया।
हालांकि, विपक्ष ने इसे अपर्याप्त करार दिया है। समाजवादी पार्टी सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि, “₹30 की यह वृद्धि लागत और मेहनत के अनुपात में बेहद कम है। गन्ना किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। हरियाणा में कम रिकवरी दर होने के बावजूद अधिक मूल्य दिया जा रहा है।”
उन्होंने मांग की कि सरकार गन्ने का भाव कम से कम ₹450 प्रति क्विंटल निर्धारित करे, ताकि किसान अपने परिवार और खेती दोनों को संभाल सकें।
इसी तरह चरथावल विधायक पंकज मलिक ने कहा कि, “यह बढ़ोतरी किसानों के साथ मज़ाक जैसी है। बढ़ती खाद, डीज़ल और मजदूरी लागत ने किसानों की कमर तोड़ दी है। सरकार को वास्तविक लागत और महंगाई के अनुरूप मूल्य तय करना चाहिए।”
प्रदेश में करीब 35 लाख गन्ना किसान और 122 शुगर मिलें हैं। यह निर्णय जहां किसानों की आमदनी में थोड़ी राहत देगा, वहीं विपक्ष और किसान संगठनों का कहना है कि वास्तविक समाधान तब ही होगा जब मूल्य निर्धारण किसानों की लागत पर आधारित होगा।
