अंबाला। भारत के इतिहास में आज का दिन स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया, जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरते हुए राष्ट्रपति ने न केवल एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि भारतीय महिला शक्ति और सशस्त्र बलों की परंपरा को भी नई ऊँचाई दी।
राफेल फ्रांस की दासॉ एविएशन द्वारा निर्मित एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे भारतीय वायुसेना ने 2020 में अपने बेड़े में शामिल किया था। अंबाला एयरबेस पर 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ के साथ इसकी पहली तैनाती की गई थी। सुपरसोनिक गति, लेज़र-गाइडेड मिसाइलें और चौबीसों घंटे स्ट्राइक क्षमता से लैस राफेल को भारत की हवाई शक्ति का गेम चेंजर माना जाता है।
राष्ट्रपति की यह उड़ान केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति और ‘नारी शक्ति’ के संकल्प का सशक्त संदेश थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह अनुभव गर्व और सम्मान से भरा हुआ है। उन्होंने भारतीय वायुसेना की व्यावसायिक दक्षता और समर्पण की सराहना की।
गौरतलब है कि हाल ही में राफेल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। राफेल की सटीक मारक क्षमता ने चार दिन चले इस अभियान को निर्णायक सफलता दिलाई थी।
अंबाला के आसमान में जब राफेल की गर्जना गूंजी, तो यह केवल एक उड़ान नहीं थी, बल्कि भारत की बढ़ती शक्ति और आत्मविश्वास की गूंज थी। राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गई है।
