भारत-रूस सैन्य सहयोग कार्यसमूह की बैठक, रक्षा साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच वर्किंग ग्रुप ऑन मिलिट्री कोऑपरेशन की एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई। वर्किंग ग्रुप ऑन मिलिट्री कोऑपरेशन ऑफ इंडिया-रशिया इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री एंड मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन की यह बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में 28 व 29 अक्टूबर को यह वार्ता आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित ने की। वहीं, रूस की ओर से डेप्युटी चीफ ऑफ मेन ऑपरेशंस, जनरल स्टाफ ऑफ द आर्म्ड फोर्सेज ऑफ रशिया लेफ्टिनेंट जनरल डायलेव्स्की इगोर निकोलायेविच ने इस बैठक की सह-अध्यक्षता की। दरअसल, दोनों देशों का यह कार्यसमूह भारत और रूस के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
यह मुख्य रूप से भारत के मुख्यालय इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ और रूस के रक्षा मंत्रालय के मेन डायरेक्टरेट ऑफ इंटरनेशनल मिलिट्री कोऑपरेशन के बीच नियमित संवाद के माध्यम से कार्य करता है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच दशकों पुराने रक्षा संबंधों को और सुदृढ़ बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया। इसमें सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और संयुक्त उत्पादन के नए अवसरों की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत-रूस रक्षा साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में एक और ठोस कदम साबित हुई है। भारत और रूस लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते आए हैं।
इसी सप्ताह भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की पब्लिक ज्वाइंट स्टॉक कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने एसजे-100 नागरिक विमान के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता भी किया है। दोनों कंपनियों ने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। गौरतलब है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी विमानन कंपनी है। एचएएल भारतीय वायुसेना के लिए आधुनिक लड़ाकू विमानों का निर्माण भी कर रही है।
