संभल में दहेज हत्या का फैसला: पत्नी की बेरहमी से हत्या करने वाले पति को 10 साल जेल, सास-ससुर हुए बरी
Sambhal Crime News: संभल जिले में दहेज हत्या के एक सनसनीखेज मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी पति को 10 साल के कठोर कारावास और 8,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनाया। वहीं, आरोपी की सास और ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया।
नखासा थाना क्षेत्र में हुई थी महिला की दर्दनाक मौत
पिता ने दर्ज कराई थी FIR, शादी को हुआ था सिर्फ दो महीने
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने बताया कि मृतका के पिता मुशाहिद ने नखासा थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी नाजुक की शादी 3 नवंबर 2020 को सिरसी कस्बे के मोहल्ला चौधरियान निवासी फिरोज से हुई थी। शादी में साढ़े तीन लाख रुपये नकद और अन्य उपहार दिए गए थे। लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद ससुराल पक्ष कम दहेज लाने का ताना देकर नाजुक को प्रताड़ित करने लगा।
सास ने दी थी सूचना, मायके वालों ने देखा भयावह मंजर
घटना की रात नाजुक की सास शौकीन जहां ने मायके वालों को फोन पर सूचना दी कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है। जब नाजुक के मायके वाले मौके पर पहुंचे, तो वह मृत अवस्था में पाई गई। पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर जांच की गई। इसके बाद पति, सास और ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। विवेचना के दौरान साक्ष्य जुटाकर पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
अदालत ने पति को ठहराया दोषी, ससुराल के दो सदस्य बरी
सभी गवाहों और सबूतों पर विचार करने के बाद अदालत ने पति फिरोज को नाजुक की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए दोषी करार दिया। उसे 10 साल का कठोर कारावास और ₹8,000 का अर्थदंड देने का आदेश सुनाया गया। जबकि सास शौकीन जहां और ससुर सायब अली को दोषमुक्त कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत प्रस्तुत नहीं किए जा सके।
पुलिस और अदालत की सख्त कार्रवाई से बढ़ा भरोसा
इस फैसले के बाद स्थानीय लोगों ने कहा कि अदालत का यह निर्णय दहेज के नाम पर हो रही महिलाओं की प्रताड़ना और हत्या के मामलों में एक कड़ा संदेश है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने भी कहा कि ऐसे मामलों में न्याय मिलने से समाज में विश्वास बढ़ता है और अपराधियों में भय का वातावरण बनता है।
