बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना की वापसी की मांग की, कहा– सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी
ढाका। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा है कि देश की अदालत के निर्देशानुसार पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना की भारत से स्वदेश वापसी के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है । हालांकि भारत ने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है।
मंगलवार को विदेश मंत्रालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, "शेख हसीना की वापसी के अनुरोध के संबंध में हमने अपनी सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और अदालत के निर्देशानुसार उनकी वापसी की मांग की है। भारत इस पर अपनी इच्छानुसार आगे बढ़ सकता हैं, लेकिन अभी तक, उन्होंने हमें कुछ भी सूचित नहीं किया है।"
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन के चलते तत्कालीन राष्ट्रपति शेख हसीना को इस्तीफा देकर आनन फानन में इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था। वे वहां से भारत आयी थीं और उसके बाद उन्होंने इंग्लैंड सहित अनेक देशों में शरण लेने के लिए प्रयास किया था। वे अभी आधिकारिक तौर पर कहीं शरणार्थी नहीं हैं।
इस बीच हुसैन ने अपने ही देश के पत्रकारों की आलोचना करते हुए कहा, "हमारे कुछ पत्रकार भारत गए थे। आप सभी के बारे में मेरी एक टिप्पणी है। जब भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आपको संबोधित किया, तो उन्होंने कहा कि वे समावेशी, पारदर्शी चुनाव चाहते हैं। उस समय आप में से किसी ने यह प्रश्न नहीं उठाया कि पिछले 15 वर्षों में ऐसे बयान क्यों नहीं दिए गए और क्या पिछले चुनाव इसी फॉर्मूले के तहत सही ढंग से आयोजित किए गए थे। "
उन्होंने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि उस समय वहां आप लोगों में से कई वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार भी माैजूद थे, फिर भी किसी ने यह सवाल नहीं उठाया। चूँकि भारतीय विदेश सचिव ने यह अवसर प्रदान किया था, अगर आप उन्हें शर्मिंदा नहीं करना चाहते थे, तो कम से कम अवसर आने पर ही आप यह सवाल उठा सकते थे।"
इस सवाल के जवाब में कि क्या इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक को देश में आमंत्रित किया गया है, उन्होंने कहा, "मुझे ज़ाकिर नाइक को दिए गए किसी भी निमंत्रण की जानकारी नहीं है। मैं आपसे ही इस बारे में सुन रहा हूँ। मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है।"
ढाका में संयुक्त राष्ट्र के नए 'रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर' के बारे में उन्होंने कहा, "यहाँ किसी भी ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी जो समस्याएँ या विवाद पैदा करें।''
