मुजफ्फरनगर की ऐतिहासिक सोरम चौपाल पर फिर होगी सातवीं सर्वखाप पंचायत
जानकारी के अनुसार, इस पंचायत में हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि और ग्रामीण भाग लेंगे। आज़ादी के बाद वर्ष 1950 से अब तक यहां छह सर्वखाप पंचायतें आयोजित की जा चुकी हैं। इस बार यह सातवां सम्मेलन होगा, जिसमें देशभर से समाज सुधारक और खाप प्रतिनिधि जुटेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि यह सर्वजातीय और सर्वखाप पंचायत होगी, जिसमें सभी जातियों के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि “सरकार जहां जातियों को बांटने का काम करती है, वहीं यह खाप पंचायत समाज को जोड़ने का काम करती है। यह एक ऐतिहासिक पंचायत होगी जिसमें समाज सुधार से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।”
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि समाज में दिखावे और अनावश्यक खर्च की प्रवृत्ति खत्म करनी होगी। “शादी-ब्याह और मृतक भोज में बहुत खर्च किया जाता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। अब जरूरत है कि यह पैसा बच्चों की पढ़ाई और समाज के विकास में लगाया जाए। सोने-चांदी के दिखावे का कोई लाभ नहीं, बल्कि इससे नुकसान ही होता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि इस पंचायत में हरियाणा, बिजनौर, पलवल, मथुरा, आगरा, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से भी प्रतिनिधि पहुंचेंगे। पंचायत में नशा मुक्ति, पेड़ लगाने और सामाजिक एकता को बढ़ाने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा।
1950 से अब तक हुई छह सर्वखाप पंचायतों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह सातवीं सर्वखाप पंचायत नई पीढ़ी को समाज सुधार और पुरानी परंपराओं के संरक्षण का संदेश देगी।
