लखनऊ में रिश्वतकांड! दरोगा धनंजय सिंह 2 लाख लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, एक युवती ने गैंगरेप की एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें प्रदीप गुप्ता समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। बताया जाता है कि बाद में युवती पक्ष ने आरोपियों से बयान बदलने के लिए 50 लाख रुपए की बड़ी रकम की मांग की थी। आरोपी प्रदीप गुप्ता इस पर 10 लाख रुपए देने के लिए तैयार भी हो गया था। इसी दौरान, मामले की जाँच कर रहे दरोगा धनंजय सिंह ने भी आरोपी प्रदीप गुप्ता से केस से नाम हटाने के लिए अलग से रिश्वत की मांग कर दी।
एंटी करप्शन टीम का एक्शन:
जब यह सारा मामला एंटी करप्शन टीम तक पहुँचा, तो टीम ने त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई। पूरी रणनीति के साथ ट्रैप बिछाया गया और दरोगा धनंजय सिंह को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए मौके पर ही धर दबोचा।
आगे की जाँच जारी:
फिलहाल, आरोपी दरोगा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एंटी करप्शन टीम इस बात की गहन जाँच कर रही है कि इस पूरी हेराफेरी और भ्रष्टाचार में और कौन-कौन से अधिकारी या व्यक्ति शामिल थे।
यह मामला न केवल पुलिस विभाग की साख पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकारी एजेंसियां पूरी तरह से सख्त हैं।
