नोएडा। नोएडा के चर्चित ‘सांप तस्करी और रेव पार्टी’ मामले में नाम आने के बाद नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। मंगलवार रात करीब 2 बजे एल्विस यादव अपने साथ 7 वकीलों को लेकर पहुंचा था। जिसके बाद डीसीपी और अन्य अधिकारियों ने उससे करीब 3 घंटे पूछताछ की।
जिसके बाद वो सुबह करीब 5 बजे हरियाणा वापस लौट गया। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान वह काफी डरा हुआ नजर आया। रेव पार्टी, सांप का नशा, सांप तस्कर राहुल से कनेक्शन से जुड़े हुए सवाल उससे पूछे गए। ज्यादातर आरोपों को एल्विश ने नकार दिया। उसने कहा कि उसका इससे कोई कनेक्शन नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक नोएडा पुलिस की तरफ से नोटिस जारी होने के बाद एल्विश ने पुलिस से संपर्क किया था। उसने पुलिस से देर रात का टाइम पूछताछ के लिए रखने को कहा था। इस पर नोएडा पुलिस सहमत हो गई।
रात 2 बजे तय समय के मुताबिक, वह थाने पहुंचा। सांप तस्करी से जुड़ा केस सेक्टर-49 में दर्ज हुआ था। हालांकि, एफआईआर दर्ज होने के तीन दिन बाद ही इस थाने के प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके बाद केस को सेक्टर-20 थाने में ट्रांसफर कर दिया गया। अब इस केस की जांच इंस्पेक्टर कैलाश नाथ कर रहे हैं। उससे पुलिस उपायुक्त हरिश चंदर, अपर पुलिस उपायुक्त शक्ति मोहन अवस्थी, सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ,थाना सेक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक डीपी शुक्ला, सहित पुलिस के कई अधिकारियों ने करीब 3 घंटे तक गहनता से पूछताछ की।
मंगलवार रात उन्होंने ही एल्विश से पूछताछ की। वकील साथ में होने की वजह से वो बीच-बीच में ‘हनक’ भी दिखाता रहा। इंस्पेक्टर ने पहले उससे पार्टी और उसके दोस्तों (राहुल) के कनेक्शन के बारे में पूछा। फिर वेनम और सांप के अरेंजमेंट के बारे में सवाल किए। एल्विश ने सभी से इनकार किया।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को सांप तस्कर राहुल और एल्विश के बीच बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं। सीडीआर यानी कॉल डेटा रिकॉर्ड में दोनों के बीच ज्यादातर बार 1 से 2 मिनट बातचीत हुई। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि जिन-जिन तारीख को एल्विश और राहुल के बीच बातचीत हुई? क्या उन तारीख या उसके आसपास एल्विश ने कोई पार्टी ज्वाइन की या कोई पार्टी ऑर्गेनाइज की। अगर ऐसा है, तो दोनों के बीच कनेक्शन बिल्डअप हो जाएगा।
इस दौरान कुछ सवालों के जवाब वह टाल गया। पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार किए गए सपेरों से उसके क्या संबंध है, इस बारे में गहनता से पूछताछ की। उसके स्टाफ के कौन-कौन लोग सपेरो के संपर्क में थे, पुलिस ने एल्विश के स्टाफ के अन्य लोगों के फोन नंबर और जानकारी भी उससे ली। पुलिस ने रेव पार्टी को लेकर भी कई सवाल किया। पुलिस ने यह भी पूछा कि क्या उसने नोएडा में कोई पार्टी की है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर सांपों के साथ जारी उसकी वीडियो के बारे में भी कई सवाल पूछे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार एल्विस काफी संभल कर पुलिस के सवालों के जवाब दे रहा था।
पुलिस उपायुक्त जोन प्रथम हरिश चंदर ने बताया कि एल्विस को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि एल्विश से मिली जानकारी के आधार पर वैज्ञानिक विधि और अन्य साक्ष्यो के आधार पर इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकरण में एल्विस की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एल्विस की गिरफ्तारी कब होगी इस बात का उन्होंने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब तक तथ्यात्मक सबूत नहीं मिल जाते, तब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की सात टीमे इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में वैज्ञानिक विधि, सर्विलांस विधि और मुखबीरी के आधार पर पूरे तथ्यों कोई इकट्ठा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार किए गए पांच सपेरे की 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड नोएडा पुलिस ने मांगी है। उस पर कोर्ट में कल बहस पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि हमें आशा है कि आज दोपहर तक पुलिस को कस्टडी रिमांड मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सपेरो के कस्टडी रिमांड मिलने के बाद एल्विस से उनके क्या संबंध है इस बात की गहनता से जांच की जाएगी। अगर संभव हुआ तो सपेरो और एल्विस का आमना- सामना भी कराया जाएगा। आरोपियों से पूछे जाने वाले सवालों की सूची पुलिस ने मंगलवार को ही तैयार कर ली है। रिमांड के दौरान आरोपियों को उन स्थानों पर भी लेकर जाया जाएगा, जिन स्थानों का जिक्र शिकायतकर्ता की एफआईआर और वायरल ऑडियो में है। इससे पहले पुलिस ने जेल जाकर आरोपियों का बयान दर्ज किया था। बयान को आधार बनाकर पुलिस ने रिमांड मांगी है। नोएडा पुलिस ने बीते शुक्रवार को बिग बॉस ओटीटी-2 के विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ रेव पार्टी आयोजित करने,उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने और विदेशी लड़कियों उपलब्ध कराने का केस दर्ज किया था। मामले को लेकर कमिश्नरेट के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार रात दो बजे तक बैठक की। इसके बाद जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। पुलिस की कुल सात टीमें अब एल्विश मामले में उतार दी गई है। इसमें सर्विलांस और मैनुअल टीम भी शामिल हैं।
मामले के तूल पकड़ने के बाद अब नोएडा पुलिस भी किसी प्रकार की ढील देने के मूड में नहीं है। एल्विश ने अबतक सांपों के साथ जितने भी वीडियो बनाए हैं पुलिस काफी बारीकी से इसको खंगाल रही है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के मुताबिक वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में किसी को भी सांपों के साथ खेलने और उसे पालने का अधिकार नहीं है। विशेष समुदाय के लोगों को कुछ रियायत इसमें दी गई है पर इसके लिए उन्हें लाइसेंस लेना होता है। सांपों के साथ खेलने पर भी सजा का प्रावधान है। नोएडा पुलिस ने भी इसे आधार बनाकर जांच को रफ्तार दे दी है। एल्विश की मुश्किलें इससे बढ़ना तय है।
कोई हस्ती कानून से ऊपर नहीं:
एल्विश यादव मामले पर उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि कोई भी हस्ती कानून से ऊपर नहीं है और इस प्रकरण में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बीते दिनों सेक्टर-51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल से पांच कोबरा समेत नौ सांप बरामद किए गए थे, जबकि सांप का 20 मिलीलीटर संदिग्ध जहर भी जब्त किया गया था। एल्विश मामले पर कई राजनेता पूर्व में भी टिप्पणी कर चुके हैं। एल्विश के समर्थन और विरोध में सोशल मीडिया पर यूजर एक दूसरे के सामने हैं। पुराने वीडियो फिर से वायरल हो रहे हैं।
सांपों को छोड़ा गया जंगल में:
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जहरीले सांपों को सूरजपुर स्थित जंगल में छोड़ दिया गया है। जंगल ही असल में सांपों के रहने का स्थान है। कोई भी व्यक्ति किसी भी सांप को पकड़कर नहीं रख सकता है। बरामद नौ सांपों का सोमवार को वन विभाग के डाक्टरों ने मेडिकल टेस्ट किया था। दरअसल, ये सभी सांप एल्विश यादव मामले का अहम सबूत है। इस कारण सभी सांपों का मेडिकल परीक्षण करना जरुरी था। वन विभाग ने अदालत के सामने सांपों को छोड़ने की अर्जी पेश की थी। अदालत के आदेश पर सभी सांप जगल में छोड़ दिए गए।