शामली में चिकित्सक ने CMO कार्यालय के बाबू पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया
शामली। पीजी (डीएनबी) पाठ्यक्रम पूर्ण कर शामली में तैनात किए गए एक चिकित्सक ने सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू पर चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती दिलाने के नाम पर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया है। चिकित्सक का रोते हुए वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से डॉक्टरों के शोषण में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
डॉ. विजेन्द्र पूर्व में शामली सीएचसी में तैनात थे, जिन्हे वर्ष 2022 में पीजी पाठ्यक्रम अध्ययन हेतु अनुमति प्रदान की गई थी, जिसके क्रम में उस समय उन्हें सीएमओ बागपत के अधीन से कार्यमुक्त किया गया था। इसके बाद शासन स्तर से उनका स्थानांतरण सीएचसी झिझाना के अंतर्गत किया गया। पीजी पाठ्यक्रम की अवधि पूर्ण होने पर 16 दिसंबर 2025 को उन्हें सीएमओ शामली के अधीन योगदान के लिए कार्यमुक्त किया गया, जिसके क्रम में 17 दिसंबर 2025 को उन्होंने अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत की।
सीएमओ शामली द्वारा जारी आदेश के अनुसार डॉ. विजेन्द्र की तैनाती प्रथम संदर्भन इकाई, सीएचसी शामली में चिकित्सा अधिकारी के पद पर की गई और उन्हें चिकित्सा अधीक्षक के समक्ष तत्काल योगदान करने के निर्देश दिए गए। इसी बीच बुधवार को चिकित्सक सीएचसी शामली के बाहर भावुक होकर रोते हुए नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू विजयपाल ने उन्हें सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक बैठाए रखा और सीएचसी अधीक्षक बनाए जाने के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की। चिकित्सक ने संबंधित बाबू पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएचओ की सह पर भी अवैध वसूली की जाती है। चिकित्सक ने वीडियो के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री से मामले की निष्पक्ष जांच कराने, संबंधित बाबू के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा उसकी संपत्ति की जांच कराने की मांग की है।
