हार्ड कोर्ट पर अमेरिकी दबदबा: अमांडा अनीसीमोवा ने जीता चीन ओपन खिताब, फाइनल में लिंडा नोस्कोवा को हराया

Amanda Anisimova: अमेरिका की युवा टेनिस स्टार अमांडा अनीसीमोवा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए चीन ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। रविवार को खेले गए रोमांचक फाइनल में उन्होंने चेक गणराज्य की लिंडा नोस्कोवा को 6-0, 2-6, 6-2 से मात दी। हार्ड कोर्ट इंडोर प्रतियोगिता में अनीसीमोवा का यह पहला चीन ओपन खिताब है। पूरे मैच के दौरान अमांडा की फिटर खेल शैली और मजबूत बैकहैंड ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
फाइनल में जोश और रणनीति का संगम
सेमीफाइनल से ही दिख गया था अनीसीमोवा का अटैकिंग अंदाज
इससे पहले सेमीफाइनल में अमांडा ने अपने हमवतन कोको गॉफ को शानदार तरीके से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल में भी उन्होंने वही आक्रामक रणनीति अपनाई — सटीक सर्व और ताकतवर बैकहैंड शॉट्स। मैच का आखिरी पॉइंट उन्होंने एक शानदार बैकहैंड विनर के साथ खत्म किया, जिसने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
2025 में करियर का सुनहरा दौर
अनीसीमोवा के लिए यह वर्ष बेहद खास साबित हो रहा है। वह इस साल यूएस ओपन और विंबलडन की उपविजेता रही हैं और अब चीन ओपन जीतकर उन्होंने अपने करियर में दूसरा WTA 1000 खिताब हासिल किया है। इस जीत के साथ ही वह विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंच गई हैं। उनकी यह उपलब्धि उन्हें वर्ष की सबसे स्थिर और प्रभावशाली खिलाड़ियों में शामिल करती है।
नोस्कोवा ने भी रचा इतिहास
भले ही फाइनल में लिंडा नोस्कोवा को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उन्होंने भी इतिहास बनाया। 2009 में डब्ल्यूटीए 1000 प्रारूप लागू होने के बाद वह सबसे कम उम्र (20 वर्ष) में फाइनल खेलने वाली चेक खिलाड़ी बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि बताती है कि आने वाले समय में वह भी महिला टेनिस की बड़ी शक्ति बनकर उभर सकती हैं। हालांकि चीन ओपन का ताज अमांडा अनीसीमोवा के सिर सजा, लेकिन नोस्कोवा के संघर्ष ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।