भारतीय फुटबॉल का साइलेंट वॉरियर रिटायर: अरिंदम भट्टाचार्य ने दो दशक के करियर को कहा अलविदा
Arindam Bhattacharya: भारतीय फुटबॉल जगत के अनुभवी गोलकीपर अरिंदम भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रोफेशनल फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी। 35 वर्षीय अरिंदम ने अपने दो दशक लंबे करियर को याद करते हुए कहा कि सब कुछ उनके उस बचपन के सपने से शुरू हुआ था, मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे बड़े क्लबों के लिए खेलना और अपने आइकॉन बाइचुंग भूटिया का सामना करना। उनके इस भावुक संदेश ने भारतीय फुटबॉल समुदाय में गहरी प्रतिक्रिया पैदा की है।
करियर के उतार–चढ़ाव को याद कर दिया सभी को धन्यवाद
टाटा फुटबॉल अकादमी से आई-लीग विजेता बनने तक का सफर
टाटा फुटबॉल अकादमी से ट्रेनिंग लेने वाले अरिंदम ने अपने सीनियर करियर की शुरुआत चर्चिल ब्रदर्स से की। मात्र 19 साल की उम्र में उन्होंने आई-लीग खिताब जीतकर अपना नाम स्थापित कर लिया। इसके बाद उन्होंने पुणे सिटी एफसी, बेंगलुरु एफसी, मुंबई सिटी एफसी और मोहन बागान जैसे बड़े क्लबों का प्रतिनिधित्व किया। 2019-20 सीजन में उन्होंने इंडियन सुपर लीग खिताब जीता और अगले सीजन ‘गोल्डन ग्लव’ अवॉर्ड अपने नाम किया।
ईस्ट बंगाल की कप्तानीऔर राष्ट्रीय टीम में योगदान
साल 2021 में अरिंदम ने ईस्ट बंगाल की कप्तानी की, जो उनके परिवार का भी सपना था। उन्होंने भारत की ओर से पांच अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और कई राष्ट्रीय शिविरों का हिस्सा रहे। सुब्रतो कप में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन ने उन्हें भारत की अंडर-19 टीम में शामिल किया, जहाँ उन्होंने श्रीलंका और म्यांमार के खिलाफ मैच खेले। 2009 में ढाका में आयोजित सैफ चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ अंडर-23 टीम में पदार्पण किया।
