Sunday, April 13, 2025

नीतीश कटारा मामले में सुप्रीम कोर्ट खफा, दिल्ली सरकार को अवमानना ​​नोटिस जारी

नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ ​​पहलवान की माफी याचिका पर कोई फैसला न लेने पर दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव को सोमवार को अवमानना ​​नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने पूछा कि अदालत के गत तीन मार्च के आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार ने माफी याचिका पर आदेश क्यों नहीं पारित किया है।

नोएडा में न्यायालय से भगोड़ा घोषित 20 हजारी इनामी बदमाश को पुलिस ने किया लंगड़ा

पीठ ने अपने पिछले निर्देशों का हवाला देते हुए कहा, “राज्य सरकार के निर्देशों के आधार पर एक गंभीर बयान दर्ज किया गया था। अब हमें सूचित किया गया है कि सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) आज मामले पर विचार कर रहा है।”

शीर्ष अदालत ने आगे टिप्पणी की, “राज्य सरकार ने समय विस्तार के लिए आवेदन करने का बुनियादी शिष्टाचार भी नहीं दिखाया है।”

पीठ ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना ​​नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें यह बताने के लिए कहा गया कि न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।

सिपाही ने बेटी के जन्मदिन पर मंगवाए समोसे, चटनी में निकली मरी हुई छिपकली

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को 28 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया।

तीन मार्च को दिल्ली सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया कि दो सप्ताह के भीतर छूट पर निर्णय लिया जाएगा।

आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने हालांकि यह कहते हुए अधिक समय मांगा कि एसआरबी की बैठक दिन में बाद में होगी।

यह भी पढ़ें :  अब रजिस्ट्री के लिए जीडीए दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, स्लॉट बुकिंग से मिलेगी राहत

 

मुजफ्फरनगरः नमाज के दौरान कहासुनी के बाद जसोई गांव में खूनी संघर्ष, लाठी-डंडों और पत्थरबाजी में कई घायल
न्यायमूर्ति ओका ने बार-बार देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए टिप्पणी की, “दिल्ली सरकार समय विस्तार के बिना निर्णय नहीं लेती है। हमने इसे हर मामले में देखा है। पहले, बहाना यह था कि मुख्यमंत्री उपलब्ध नहीं थे।”

शीर्ष अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या दिल्ली सरकार में उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करने का कोई अलिखित नियम है।

न्यायमूर्ति ओका ने कहा, “जब तक अवमानना ​​का खतरा न हो, आप कभी भी किसी मामले का फैसला नहीं कर पाएंगे।”

नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल की वास्तविक कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसकी सजा 10 मार्च, 2025 को समाप्त हो गई  है।

शीर्ष अदालत ने पहले पूछा था कि सरकार ने उसे उसकी सजा से परे जेल में रखने की क्या योजना बनाई है।

दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला दिया, जिसमें पीड़िता की मां को छूट की कार्यवाही में सुनने की आवश्यकता थी।

शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि प्रक्रिया बहुत पहले शुरू हो जानी चाहिए थी। इस अदालत ने 2016 में कटारा की हत्या में उनकी भूमिका के लिए विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को बिना किसी छूट के 25 साल जेल की सजा सुनाई थी। सह-दोषी सुखदेव यादव उर्फ ​​पहलवान को 20 साल की सजा मिली। तीनों को 16-17 फरवरी, 2002 की रात को एक शादी समारोह से कटारा का अपहरण करने और उत्तर प्रदेश के राजनीतिज्ञ डी.पी. यादव की बेटी भारती यादव के साथ उनके कथित संबंधों के कारण उनकी हत्या करने का दोषी ठहराया गया था।

यह भी पढ़ें :  मुरादाबाद में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी कैंपस में बिजली गिरने से 5 छात्र घायल, 3 की हालत नाजुक
- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय