मोरना। क्षेत्र के गांव भेड़ाहेड़ी के ग्राम प्रधान द्वारा अवैध क्लीनिक खोलकर ग्रामीणों का उपचार किया जा रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक को सील कर दिया है। पूर्व मे स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चिकित्सक को नोटिस दिया गया था जिसके बाद चिकित्सक ने अपने क्लीनिक से न केवल दवाइयों को गायब कर दिया, बल्कि दुकान का दरवाजा भी उतार दिया, ताकि सीलिंग की कार्रवाई न हो सके।
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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कपड़े की मदद से क्लीनिक को सील किया है। मोरना क्षेत्र के गांव भेड़ाहेड़ी निवासी अवनीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गयी थी कि गांव के ही डा. सुरेन्द्र द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक संचालित किया जा रहा है और ग्रामीणों को एक्सपाईरी दवाइयों के साथ-साथ नशे के इंजेक्शन भी लगाये जा रहे हैं, जिसके चलते अनेक ग्रामीण प्रभावित हो चुके हैं।
इस शिकायत के संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. प्रणव तेवतिया द्वारा एक टीम का गठन कर 11 मार्च 2025 को छापेमारी की गयी। इस दौरान डा. सुरेन्द्र के मकान स्थित दुकान में एक अवैध क्लीनिक संचालित होता पाया गया था ओर क्लीनिक में एक्सपायर दवाइयां भी मिली थी। डा. सुरेन्द्र द्वारा उक्त दवाइयों को जब्त करने में अवरोध पैदा किया गया था, जिसके बाद टीम द्वारा डा. सुरेन्द्र को एक नोटिस देकर 12 मार्च 2०25 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
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डा. सुरेन्द्र द्वारा सीएमओ को शपथपत्र देकर अवगत कराया था कि वह चार वर्ष पूर्व अपने ग्राम में छोटे-मोटा उपचार ग्रामीणों को दे देते थे, परन्तु वर्तमान में दवाई देने का कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय नियंत्रण अधिकारी डॉ. अशोक कुमार के आदेश पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मोरना डॉ. प्रणव तेवतिया द्वारा सोमवार को एक टीम गठित कर डा. सुरेन्द्र के क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की गयी।
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आरोप है कि डॉ. सुरेन्द्र द्वारा सीलिंग की कार्रवाई से बचने के लिए दुकान से न केवल दवाइयों को गायब कर दिया गया था, बल्कि दुकान का दरवाजा भी उतार दिया गया था, ताकि सीलिंग की कार्रवाई न हो सके। क्लीनिक सील करने गयी टीम ने एक कपड़े की मदद से दुकान को कवर करते हुए उसे सील कर दिया है।