बरेली में 48 घंटे इंटरनेट सेवाएं बंद, पत्थरबाज़ी की जांच के लिए SIT गठित, तौकीर रजा खां समेत 8 गिरफ्तार
मौलाना तौकीर रजा खां समेत आठ आरोपी गिरफ्तार, एसआईटी रिमांड पर लेकर करेगी पूछताछ
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लखनऊ/बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद हुई पत्थरबाज़ी और बवाल की घटना पर सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश के गृह सचिव गौरव दयाल के निर्देश पर बरेली में दूरसंचार (इंटरनेट) सेवाएं 48 घंटे के लिए निलंबित कर दी गई हैं।
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इंटरनेट सेवा 27 सितंबर को रात 12:30 बजे से 29 सितंबर को रात 12:30 बजे तक निलंबित रहेगी, जिसका अर्थ है कि 27 और 28 सितंबर को दूरसंचार सेवाएं बाधित रहेंगी।
घटना की जांच के लिए SIT गठित
इस बीच, बवाल की घटना की जाँच के लिए डीआईजी अजय सहानी ने विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया है।
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यह एसआईटी एसपी सिटी के नेतृत्व में 10 लोग मिलकर जाँच करेंगे।
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एसआईटी घटना के लिए भीड़ को बुलाने वालों की भी जाँच करेगी। इसके लिए मौलाना तौकीर रजा खां को रिमांड पर लेकर एसआईटी पूछताछ करेगी।
मौलाना तौकीर रजा खां समेत आठ गिरफ्तार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत आठ लोगों को बगैर अनुमति जुलूस निकालने, भड़काऊ नारेबाजी के आरोप में पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मौलाना तौकरी समेत आठ लोगों के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न आपराधिक धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी आठ लोगों को अदालत के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की कार्रवाई की गयी है।
उन्होने बताया कि तीन हजार अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। बगैर अनुमति जुलूस निकालने, हिंसा भड़काने और भडकाऊ नारेबाजी करने के आरोप में कुल दस एफआईआर दर्ज की गयी हैं जिनमें पांच कोतवाली कैंट में, एक किला थाने पर और बारादरी में शामिल है। उन्होने कहा कि शहर में पूरी तरह शांति है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
श्री आर्य ने कहा कि हिंसा भड़काने की साजिश में बाहरी तत्वों के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होने कहा कि हिंसा पर उतारु भीड़ ने पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया था क्योंकि मौके से मिली कुछ बोतलो में पेट्रोल की महक है। गनीमत यह रही कि इससे नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होने कहा कि हिंसा में शामिल तत्वों की पहचान के लिये सीसीटीवी कैमरों और वीडियो फुटेज की मदद ली गयी है। इस मामले में 39 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। संवाददाता सम्मेलन में पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारिख भी मौजूद रहे। इस बीच शहर में अफवाहों पर लगाम कसने के लिये इंटरनेट सेवाओं को फौरी तौर पर बाधित किया गया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार दोपहर जुमे की नमाज के बाद तौकरी रजा के नेतृत्व में इस्लामिया ग्राउंड पर "आई लव मोहम्मद" के नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रही भीड़ अचानक बेकाबू हो गयी जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।
पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय साहनी ने पत्रकारों से कहा था कि जुमे की नमाज के बाद माहौल बिगाड़ने की साजिश की आशंका के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया था। नमाज के बाद पुलिस के निर्देश का पालन करते हुये 90 से 95 प्रतिशत भीड़ घर वापसी कर चुकी थी मगर बचे हुये शरारती तत्वों ने सुनियोजित साजिश के तहत नारेबाजी शुर कर दी जबकि प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी। इस बीच गोलीबारी में छर्रे लगने से दस पुलिसकर्मी घायल हो गये। हालात को काबू करने के लिये पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी।
दरअसल, मौलाना तौकीर रजा खान ने 26 सितंबर को नमाज-ए-जुमा के बाद नामूसे रिसालत को लेकर इस्लामिया ग्राउंड में भीड़ एकत्र कर वहां से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च का ऐलान किया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग शुक्रवार दोपहर से स्थानीय इस्लामिया कॉलेज ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये थे। शुरुआत में प्रदर्शन शांतिपूर्ण दिखा लेकिन अचानक माहौल गरमा गया। लोग नारेबाजी और धक्का-मुक्की करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भीड़ अचानक आक्रोशित हो गयी। पुलिस ने जब भीड़ को काबू में करने की कोशिश की तो हालात और बिगड़ गये। इस पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इसके बाद भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।
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