मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे पर ग्रामीणों का धरना: अंडरपास की मांग लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन

25 गांवों की सांसें इसी मार्ग पर टिकीं

धरने पर बैठे ग्रामीण बोले- अब सब्र का बांध टूट रहा है
ग्रामीणों का धरना पिछले 6-7 महीनों से लगातार जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। हाल ही में एनएचएआई (NHAI) अधिकारियों के साथ हुई बैठक में केवल सर्विस लेन और यू-टर्न की अनुमति दी गई थी। ग्रामीणों ने इसे अपर्याप्त बताया और कहा कि ये उपाय सुरक्षा के मूल प्रश्न का हल नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक अंडरपास नहीं बनेगा, तब तक दुर्घटनाओं का खतरा बना रहेगा।
भारी वाहनों के बीच जान जोखिम में डाल रहे ग्रामीण
स्थानीय किसानों ने बताया कि उनकी कई जमीनें हाईवे के दूसरी ओर हैं। उन्हें खेतों तक पहुंचने के लिए रोज यह व्यस्त मार्ग पार करना पड़ता है। भैंसा-बुग्गी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और पैदल चलने वाले ग्रामीणों को अक्सर तेज रफ्तार वाहनों के बीच से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि उनकी आजीविका की डोर है, जिसे सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
डीएम से सुरक्षा अध्ययन और डीपीआर तैयार कराने की मांग
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जसजीत कौर से आग्रह किया कि वे एनएचएआई या संबंधित विभाग को इस मार्ग पर विस्तृत सुरक्षा और यातायात अध्ययन कराने का निर्देश दें। साथ ही अंडरपास निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द से जल्द तैयार कराने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रशासन को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों समाधान तलाशने चाहिए ताकि गांवों की सुरक्षा और विकास साथ-साथ सुनिश्चित हो सके।
दर्जनों ग्रामीणों ने उठाई आवाज, कहा- ‘अब कार्रवाई हो’
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदीप अधिकारी, दिलीप अधिकारी, दीपक वाला, मनोरंजन, अमित मंडल, नेपाल मंडल, नकुल हालदार, दिलीप बाला, राहुल शाह, आनंद मंगल, लक्ष्मीकांत, राजेश बड़े, शिव पाल, विवेक विश्वास, आनंद सिकंदर, रोहित मिस्त्री और सुमित समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि अब वादे नहीं, कार्रवाई चाहिए- वरना आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
