पाकिस्तान को ऐसे सबक सिखाएगा अफगानिस्तान, कुनार नदी पर जल्द से जल्द बांध बनाने की कर रहा तैयारी


यह नदी पाकिस्तान में गिलगित-बाल्टिस्तान और चित्राल की सीमा पर स्थित चियांतार ग्लेशियर से निकलती है। अरंडू में यह अफगानिस्तान में प्रवेश करती है, जहां इसे कुनार नदी कहा जाता है। बाद में यह अफगानिस्तान के नंगहार प्रांत में काबुल नदी में मिल जाती है। यह नदी प्रणाली पिघलते ग्लेशियरों और हिन्दू कुश पर्वतों की बर्फ से घिरी है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने 9 अक्टूबर से भारत का दौरा शुरू किया, जो पाकिस्तान की आंखों का किरकिरी हो गया। पाकिस्तान ने मुत्ताकी की यात्रा के पहले ही दिन काबुल में ड्रोन हमले किए।
2021 में सत्ता में आने के बाद से, काबुल के वास्तविक शासकों ने जल संप्रभुता को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया है। ध्यान रहे कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच कोई जल सहयोग नहीं है। थिंक-टैंक इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के अनुसार, "सीमा पार बहने वाली नौ नदियों में से किसी के पास साझा जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए कोई औपचारिक समझौता या तंत्र नहीं है।" अतीत में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की जल संप्रभुता पर चिंता जताई है, और ऐसा लगता है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और अधिक परेशानी पैदा करेगा।
