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जांच रिपोर्ट में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही ठेकेदार की लापरवाही की पुष्टि हुई। जर्मन हैंगर तय मानक से छोटा बनाया गया था, जिसमें केवल दो हजार लोगों के बैठने की क्षमता थी। भोजन की व्यवस्था केवल चार-पांच हजार लोगों के लिए की गई थी। पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और कुर्सियों की कमी भी पाई गई।
वर-वधू को दिए जाने वाले सामान में भी कटौती की गई। घड़ियों का आकार छोटा था, लड्डू और मेवों के पैकेट में घटौली मिली और जयमाल में केवल गेंदों की माला ही पहनाई गई। एडीएम सिटी राजेश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर ठेकेदार के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जबकि ठेकेदार को अभी तक किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है।
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