फतेहपुर में अवैध संबंध के शक में पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या की, फिर खुद को भी मारा

फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के गाजीपुर थाना क्षेत्र में रविवार तड़के एक सनसनीखेज डबल मर्डर-सुसाइड का मामला सामने आया है। अवैध संबंधों के शक में एक पति ने सो रही पत्नी की मुंह पर तकिया रखकर गोली मारकर हत्या कर दी और इसके बाद खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना में दंपति की तीन बेटियां अनाथ हो गईं।

परिजनों के अनुसार, रविवार तड़के करीब 3 बजे मुकेश कमरे में गया। उसने अपनी सो रही पत्नी गुड़िया के मुंह पर तकिया रखा और तमंचा सटाकर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने उसी तमंचे से खुद को भी गोली मार ली।
मुकेश के पिता लाखन निषाद ने बताया कि रात में कमरे में कूलर चल रहा था और मुकेश ने मुंह पर तकिया रखा था, जिसके कारण गोली चलने की आवाज दब गई और किसी ने भी यह आवाज नहीं सुनी।
रविवार सुबह करीब 5 बजे जब घर में 8 महीने की सबसे छोटी बच्ची के लगातार रोने की आवाज सुनी, तो लाखन निषाद बेटे के कमरे के पास गए। दरवाजा अंदर से बंद था। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया।
अंदर का दृश्य देखकर सब दंग रह गए। कमरे में एक तख्त पर मुकेश और गुड़िया के खून से लथपथ शव पड़े थे। पास ही 8 माह की बच्ची रो रही थी। गुड़िया का शव पीठ के बल था, जबकि मुकेश पेट के बल पड़ा था।
परिजनों ने बताया कि मुकेश अपनी पत्नी के चाल-चलन पर शादी के कुछ दिन बाद से ही शक करता था। इस वजह से दोनों के बीच आए दिन झगड़े और मारपीट हुआ करती थी।
मुकेश पेंटिंग का काम करता था और करीब डेढ़ महीने पहले ही दिल्ली से अपना काम-धंधा समेटकर परिवार के साथ वापस गांव आया था। परिजनों ने बताया कि मुकेश को शक था कि गुड़िया का गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध है। आठ दिन पहले मुकेश ने गुड़िया को गांव के उसी युवक से फोन पर आपत्तिजनक बात करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, जिसके बाद दोनों के बीच काफी मारपीट हुई थी।
घटना की सूचना पर एसपी अनूप कुमार सिंह और एडिशनल एसपी महेंद्र पाल सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने घटनास्थल से तमंचा बरामद किया है और दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है।
थानाध्यक्ष हनुमान प्रताप सिंह सूर्यवंशी ने बताया कि हत्या की वजहों की पड़ताल की जा रही है और पड़ोसी युवक से पूछताछ की जाएगी।
दंपति की मौत के बाद उनकी तीन मासूम बेटियां (दिव्यांशी-5 वर्ष, प्रियांशी-3.5 वर्ष और तीसरी-8 माह) अनाथ हो गई हैं। अब उनके लालन-पालन की जिम्मेदारी दादा लाखन निषाद पर आ गई है।